आरूषि हत्याकांड: कोर्ट ने सीबीआई की बातों से किया इन्कार

नईदिल्ली। लोकप्रिय हाईप्रोफाईल आरूषि हत्याकांड को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राजेश तलवार और नूपुर तलवार को रिहा कर दिया। हालांकि सीबीआई ने विभिन्न दावों को नकार दिया और आरूषि व हेमराज के बीच सेक्स संबंधों को लेकर राजेश तलवार और, नूपुर तलवार द्वारा हत्या किए जाने की कहानी को खारिज कर दिया गया। सीबीआई ने कहा कि, चार लोगों के अलावा कंपाउंडर कृष्णा की मकान में उपस्थिति को नकार दिया गया। इस पर सीबीआई ने अपनी आपत्ती दर्ज करवाई।

हालांकि न्यायालय में न्यायाधीशों ने कहा कि, ट्रायल जज गणित के एक शिक्षक के समान व्यवहार नहीं कर सकता। यह सब किसी फिल्म के निर्देशक की तरह विचार में लाया गया। आरोप लगाया गया कि गवाहों को सुनियोजित तरह से बताया गया कि, बयान में क्या कहना है और उन्हें तैयार किया गया। इस मामले में जजेस ने कहा कि न्यायालय में आरूषि व हेमराज के बीच शारीरिक संबंधों का भंडाफोड़ हो गया। जिसके चलते सीबीआई यह स्पष्ट नहीं कर पाई कि आखिर हत्या का असली कारण क्या था।

आरोप तो ये भी लगाए गए कि राजेश तलवार व नूपुर तलवार ने हत्या की थी। मगर इसे साबित नहीं किया जा सका। न्यायालय ने फोरेंसिक रिपोर्टस में हुई गडबड़ियों का सामने रखा और बताया कि, आखिर किस तरह से सीबीआई दल के मुख्य जांचकर्ता ने फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के महत्व को समाप्त कर दिया। न्यायालय ने कहा कि हेमराज के अलावा किसी अन्य बाहरी व्यक्ति के अपार्टमेंट में होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

मीडिया में जो बातें सामने आई हें उसमें कथित रूप से आरूषि व हेमराज के बीच अवैध संबंध की बात कही गई है। सीबीआई  के अघिकारी को भी इसी तरह की बात जाहिर करते हुए  बताया गया है।  सीबीआई अभियोग पक्ष  द्वारा हत्या के उद्देश्य को लेकर ये कहे जाने पर कि, राजेश तलवार ने आरूषि और हेमराज को शारीकि संबंध बनाते हुए देख लिया था। इस मामले में सबूत प्रस्तुत करने में वह असफल रही। तलवार दंपति के यहां काम करने वाली नौकरानी के बयान को लेकर भी सीबीआई पर सवाल उठे। इस बात को भी नकार दिया गया कि, हेमराज की हत्या करने के बाद उसके शव को छत पर ले जाया गया।

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