पहले से कम हुए सजा-ऐ-मौत के मामले- रिपोर्ट

वाशिंगटन: मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 2016 की तुलना में पिछले साल मौत की सजा के कुल मामलों में गिरावट आई है.साल 2017 में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दुनिया भर में मौत की सजा के 993 मामले दर्ज किए. 2016 की तुलना में यह चार फीसदी कम है. संख्या में सबसे ज्यादा गिरावट तीन देशों, पाकिस्तान, ईरान और सऊदी अरब में देखी गई. 

ईरान में 11 फीसदी कम मामले देखे गए, तो वहीं पाकिस्तान में 31 फीसदी. एमनेस्टी इंटरनेशनल के ओलुवेटोसिन पोपूला ने इस बारे में बताया, "ईरान में कमी की वजह यह हो सकती है कि वहां ड्रग्स से जुड़े अपराधों के मामलों को ले कर न्यायिक सुधार हुए हैं." डॉयचे वेले से बातचीत में पोपूला ने कहा कि पाकिस्तान और सऊदी अरब में हुए बदलाव को समझना मुश्किल है. इसके अलावा मिस्र में भी मौत की सजा के मामलों में 20 प्रतिशत गिरावट देखी गई है. एमनेस्टी की रिपोर्ट में चीन के आंकड़े शामिल नहीं हैं. 

संगठन के अनुसार चीन दुनिया का वह देश है, जहां सबसे ज्यादा मौत की सजा दी जाती है लेकिन चीन अपने आंकड़े साझा नहीं करता. एमनेस्टी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, "मौत की सजा का सही आंकड़ा नहीं बताया जा सकता क्योंकि बहुत सा डाटा गोपनीय है." रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "993 के इस आंकड़े में वे हजारों लोग शामिल नहीं हैं, जिन्हें शायद चीन ने मौत की सजा दी." रिपोर्ट में शामिल 23 देशों में सबसे ज्यादा सजाएं ईरान, सऊदी अरब, इराक और पाकिस्तान में दी गईं. 2017 के आंकड़ों के बारे में उन्होंने कहा, "ये महत्वपूर्ण नतीजे दिखाते हैं कि दुनिया एक नए मोड़ पर पहुंच चुकी है और इस भयानक, अमानवीय और अपमानजनक सजा को खत्म करना अब मुमकिन है.

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