पूरी हुई 500 वर्षों की तपस्या, गर्भगृह में विराजमान हुए श्री रामलला

अयोध्या: रामनगरी अयोध्या के भव्य मंदिर के गर्भगृह में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद आज मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराज चुके हैं। इसलिए सप्तपुरियों में से एक अयोध्या नगरी को हजारों क्विंटल पुष्पों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सहित संत समाज और अति विशिष्ट लोगों की मौजूदगी में रामलला के श्रीविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक अनुष्ठान संपन्न हुआ।  

 

 

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 14 जोड़े यजमान हैं। एक दिन बाद यानी 23 जनवरी से मंदिर को आम भक्तों के दर्शन हेतु खोल दिया जाएगा.  उल्लेखनीय है कि मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने भगवान राम की ऐतिहासिक प्रतिमा को आकर दिया है।  नई 51 इंच की प्रतिमा को गुरुवार (18 जनवरी) को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया था. इस भव्य आयोजन पर आज  दुनियाभर के राम भक्तों की नज़रें बनी हुईं हैं, और वे अपने आराध्य को विराजित होते देख रहे हैं। 

बता दें कि मैसूर के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने भगवान राम की ऐतिहासिक प्रतिमा को आकर दिया है। 51 इंच की रामलला की प्रतिमा को गुरुवार को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया था, आज उसी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई।  दोपहर एक बजे कार्यक्रम के समापन के बाद प्रधानमंत्री समारोह स्थल पर पहुंचेंगे, जहां वे अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ ही पूरे देश और दुनिया को संबोधित करेंगे।  यहां सीएम योगी भी अपना उद्बोधन देंगे। 

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