नई दिल्ली : 11 अगस्त की शाम को ग़ाज़ियाबाद के मुरादनगर में बीजेपी नेता ब्रजपाल तेवतिया पर एके-47 से जानलेवा हमला हुआ था.इस घटना ने यूपी में खलबली मचा दी थी. इस घटना में एसटीएफ़ ने चार हमलावर आरोपियों को गिरफ़्तार किया है.चारों आरोपियों के नाम राम, राहुल जितेंद्र और निशांत हैं. जबकि मुख्य आरोपी मनीष और मनोज अभी भी फरार हैं. यदि एसटीएफ़ सूत्रों की मानें तो 1999 में राकेश हसनपुरिया का एक साथी सुरेश दीवान, ब्रजपाल तेवतिया की मुखबिरी की वजह से पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. उसके बाद सुरेश के बेटे मनीष और भतीजे मनोज ने इसका बदला लेने की ठान ली थी.सूत्रों के अनुसार बदमाशों ने यूपी के ही एक गैंग से AK 47 ली और ब्रजपाल पर हमला किया. तेवतिया पर 11 अगस्त की शाम को ग़ाज़ियाबाद के मुरादनगर में एके-47 से हमला हुआ था. उन्हें छह गोलियां लगी थीं. फिलहाल वो नोएडा के फ़ोर्टिस अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं.बदमाशों ने तेवतिया पर सौ राउंड फ़ायरिंग की थी जिसमें तेवतिया सहित छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मेरठ जोन के आईजी सुरजीत पांडे ने घटना के बारे में बताया कि एक कार में सवार अज्ञात बदमाशों ने शाम करीब सात बजकर 20 मिनट पर ब्रजपाल तेवतिया और अन्य लोगों पर गोलियां चलाईं, जिसमें तेवतिया सहित छह लोग घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने बदमाशों का पीछा किया, लेकिन वे फरार होने में कामयाब रहें.गंभीर घायलावस्‍था में तेवतिया और पांच अन्य घायलों को पहले गाजियाबाद के सर्वोदय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने तेवतिया को नोएडा स्थित फोर्टिस अस्पताल भेज दिया था. केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, वीके सिंह, राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह भी उनका हालचाल जानने अस्‍पताल पहुंचे थे. पुलिस ने बताया कि.तेवतिया पर हुए हमले के मामले में एक महिला आरक्षक सहित छह लोगों को हिरासत में लिया गया था. पुलिस ने बागपत में तैनात महिला आरक्षक सुनीता को हिरासत में लेकर पूछताछ की. सुनीता नामी बदमाश राकेश हसनपुरिया की पत्नी है. हसनपुरिया 2003 में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. जिन छह अन्‍य लोगों को हिरासत में लिया गया था, उनमें से दो के नाम शेखर चौधरी और मनोज हैं. ये दोनों महरौली के रहने वाले हैं. रैकी करके घटना को अंजाम दिया गया. यूपी के मंत्री की नजर में आधे अधिकारी भ्रष्ट !