एक 68 वर्षीय महिला 43 साल पहले अपनी मां से मिली किडनी के दम पर स्वस्थ जीवन जी रही है. किडनी की चिकित्सकीय उम्र 100 साल हो गई है. इस ब्रिटिश महिला ने प्रत्यारोपित अंगों की आयु को लेकर चिकित्सा जगत की धारणाओं को गलत साबित कर दिया है.
जानकारी के अनुसार, काउंटी डरहम की सू वेस्टहेड को 1973 में 25 साल की उम्र में किडनी की खराबी का पता चला था. उस समय चिकित्सकों ने उन्हें किडनी प्रत्यारोपण की सलाह दी थी. तब उनकी 57 वर्षीय मां एन मेटकाफ ने उन्हें अपनी किडनी देने का फैसला किया था. सू अब 68 साल की हो चुकी हैं और उनकी प्रत्यारोपित किडनी सही काम कर रही है. आम तौर पर चिकित्सक मानते हैं कि किसी जीवित व्यक्ति से ली गई किडनी प्रत्यारोपण के 20 वर्षों तक ही सही काम करती है.
सू उन दिनों को याद करते हुए कहती हैं, "उन दिनों मैं मुश्किल से चल पाती थी. बहुत डर भरे दिन थे। मेरी मां ने मुझे जिंदगी दी. बिना उनके मैं और नहीं जी पाती. उस समय मैं सोचती थी कि पांच साल और जी सकूं तो कितना अच्छा होगा. देखते ही देखते इतने साल बीत गए. मुझे लगता है यह मेरी मां के अच्छे जीन का प्रभाव है." खुद को स्वस्थ रखने के लिए सू अपनी दवाइयां नियमित समय पर लेना नहीं भूलतीं.