घर पर भी संभव है 'कोरोना' का इलाज, बस अपने 'ऑक्सीजन लेवल' का रखें ध्यान
घर पर भी संभव है 'कोरोना' का इलाज, बस अपने 'ऑक्सीजन लेवल' का रखें ध्यान
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कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर पूरे देश में कोहराम मचा रही है। कहीं ऑक्सीजन के लिए लोग दर-दर भटकते नज़र आ रहे हैं, तो कहीं रेमडेसिवीर इंजेक्शन खरीदने के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी हुईं हैं, यही हाल फैबिफ्लू टेबलेट का भी है। मुनाफाखोर भी इन वस्तुओं की बेतहाशा बढ़ती मांग को देखते हुए अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि 135 करोड़ की आबादी वाले हमारे देश में जनसँख्या के लिहाज से संसाधन कम हैं, अगर देश की बड़ी आबादी एक साथ ही रेमडेसिवीर या किसी विशेष दवाई की खरीद करने निकलेगी तो उसकी किल्लत होना बिल्कुल संभव है। क्योंकि जिस हिसाब से महामारी फ़ैल रही है, उससे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बहुत बोझ पड़ रहा है और व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। ऐसे में हमें अधिक एहतियात बरतने और जागरूक होने की आवश्यकता है। 

घातक रफ़्तार से फ़ैल रही महामारी के दौरान अस्पतालों में भी बेड्स फुल हो चुके हैं और मामूली लक्षण वाले लोगों को घर पर ही आइसोलेशन में रखा जा रहा है, लेकिन यहां सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि अधिकतर लोगों को यह पता ही नहीं है कि घर में रहकर वे किन चीज़ों का पालन करें, ताकि वे इसे दूसरों तक फैलने से भी रोक सकें और खुद भी जल्द से जल्द इस बीमारी से उबर सकें।  आज हम आपको इसी बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। 

कोरोना की आशंका होने पर क्या करें :-
सबसे पहले यदि आपमें लक्षण नज़र आते हैं, जैसे, गले में खराश, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, शरीर में दर्द, गंध या स्वाद का पता ना चलना, तेज़ बुखार, आदि तो सबसे पहले अपना कोरोना टेस्ट करवाएं। हालांकि, इन दिनों संक्रमण के मामले अधिक आने के कारण कोरोना की जांच रिपोर्ट आने में अधिक समय लग रहा है। ऐसे में रिपोर्ट आने तक भी खुद को बाकी परिवार वालों से अलग रखें और अपना मोबाइल, तौलिया और अन्य चीज़ें किसी को भी इस्तेमाल के लिए ना दें। इसके बाद अगर आप रिपोर्ट में पॉजिटिव पाए जाते हैं तो, आप घर में रहकर अपने ऑक्सीजन स्तर के हिसाब से उपचार ले सकते हैं। हालांकि, इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लेते रहें। ऑक्सीमीटर में दिन में 3 से 4 बार अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें, यदि आपका ऑक्सीजन लेवल 92 फीसद से अधिक आता है तो आप बुखार की दवाइयां जैसे पेरासीटामोल,एसिटामिनोफेन आदि का सेवन अपने डॉक्टर से सलाह लेकर कर सकते हैं। इसके साथ ही गले को गीला रखने के लिए पानी का अधिक से अधिक सेवन करें और ऐसे कमरे में रहें, जहाँ आपको स्वच्छ हवा मिलती रहे। इसके साथ ही आप अपने फेफड़ों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए योग-प्राणायाम का सहारा भी ले सकते हैं। योग गुरु बाबा रामदेव बताते हैं कि डॉक्टर की सलाह लेकर दवाओं के साथ-साथ 5-5 प्राणायाम और योगासन अवश्य करें। इससे 90 प्रतिशत तक लोगों को अस्पताल जाने की नौबत नहीं आएगी। साथ ही आप दूध, अंकुरित अनाज, सूखे मेवों का उपयोग अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। याद रखें कोरोना सबसे अधिक असर फेफड़ों पर ही दिखाता है और मरीज के सांस न ले पाने के कारण ही उसे वेंटीलेटर या मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है, ऐसे में ऐसा कोई कार्य न करें जिससे आपके फेफड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े यानी धूमपान।   

अगर ऑक्सीजन स्तर 92 फीसद से कम है :-
ये स्थिति थोड़ी गंभीर है, इसमें आपको डॉक्टरों की निगरानी में रहने की आवश्यकता पड़ती है। इस स्थिति में आप डॉक्टर की सलाह से डेक्सामेथासोन (स्टेरॉयड) 6 Mg दिन में एक बार 5-10 दिनों तक ले सकते हैं। अगर डेक्सामेथासोन नहीं है तो इसका विकल्प हाईड्रोकार्टिसोन-50 Mg मुंह से या नसों में दिन में तीन बार 5-10 दिनों तक ले सकते हैं। इसके अलावा अगर आपके डॉक्टर सलाह देते हैं तो आप मेथिलप्रेडनिसोलोन 32 Mg, प्रेडनिसोलोन- 40 Mg, प्रेडनिसोन-40 Mg का भी सेवन कर सकते हैं। समय-समय पर अपना ऑक्सीजन स्तर भी चेक करते रहें।  अकेले रेमडेसिविर के पीछे न भागें, डॉक्टरों का कहना है कि यह इंजेक्शन लक्षणों की अवधि को कम कर सकता है, किन्तु कोरोना से मृत्यु के जोखिम को कम नहीं करता है। केवल रक्त में ऑक्सीजन की कमी वाले मरीजों को डॉक्टर्स की देखरेख में यह इंजेक्शन दिया जाना चाहिए। 

इम्यूनिटी बूस्ट करने के आयुर्वेदिक उपाय:-

तुलसी पेय :-
सामग्री- तुलसी की 5-8 पत्तियां, हरी इलायची, काली मिर्च, अदरक और मुनक्का लें 
विधि - एक बर्तन में दो गिलास पानी डालें और उसे धीमी आंच पर चढ़ाएं, इसमें तुलसी की पत्तियां, एक इलायची, 3-4 काली मिर्च, जरा सी अदरक और 1-2 मुनक्का डाल दें ,  अब इसे 15 मिनट तक उबलने दें। पानी आधा बचने पर छान लें, हल्का गुनगुना होने पर इसका सेवन करें। 

अश्वगंधा पेय:-
सामग्री- अश्वगंधा पाउडर, शहद और नींबू
विधि:- एक बर्तन में एक गिलास पानी डालें और एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर डालें,  इस पानी को कम से कम 10 मिनट के लिए उबलने दें, अब इसमें शहद और नींबू का रस डाल दें और गैस बंद कर छान लें। 

त्रिफला पेय :- 
सामग्री - त्रिफला चूर्ण 
विधि-  दो गिलास पानी में त्रिफला चूर्ण मिलाकर धीमी आंच पर चढ़ा दें, पानी आधा होने तक गर्म करें,  जब पानी आधा हो जाए तो गैस बंद कर दें,  अब इसे छान लें और हल्का गुनगुना होने पर सेवन करें। 

नोट- हर व्यक्ति का शरीर एक समान नहीं होता और उनकी बीमारी और उसकी तीव्रता के आधार पर ही उन्हें उपचार दिया जाता है, इसीलिए किसी भी दवाई या आयुर्वेदिक पेय का इस्तेमाल करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लेवें। 

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