लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग शख्स के साथ मारपीट की घटना को सांप्रदायिक रंग देकर बढ़ावा देने के मामले में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने मामले को देखते हुए ट्विटर के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करवा दी है। कथित तौर पर, केस में 8 अन्य के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज हुआ है।
योगी सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने झूठे दावे के साथ साझा होती वीडियो पर कोई कार्रवाई नहीं की जबकि आम तौर पर ट्विटर भ्रामक खबरों को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ कहता है, किन्तु इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अभी उनके पास इस मामले की प्राथमिकी नहीं है। किन्तु पहली बार ऐसा हुआ है कि यूपी सरकार ने ट्विटर के खिलाफ मुकदमा करवाया हो। सरकार की शिकायत का आधार यही है कि पुलिस द्वारा हकीकत बताए जाने के बाद भी ट्विटर ने इस वीडियो पर मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग नहीं लगाया और भ्रामक ट्वीट्स को बढ़ावा मिलता रहा।
योगी सरकार के इस निर्णय के बाद ट्विटर पर ही सोशल मीडिया यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के वकील प्रशांत उमरांव लिखते हैं, “लोनी घटना के बाद आए ट्विट्स के मद्देनजर योगी सरकार ने ट्विटर के खिलाफ मुकदमा दायर किया है और कहा है कि ट्विटर ऐसे ट्वीट पर मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग नहीं लगा पाया। राजदंड कैसा होना चाहिए, महाराज ने दिखा दिया है।”
Yogi Govt files FIR against Twitter in the aftermath of tweets over Loni incident & said Twitter failed to flag manipulated media.
— Prashant Umrao (@ippatel) June 15, 2021
राजदंड कैसा होना चाहिए, महाराज जी नें दिखा दिया है।????
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