पाकिस्तान/इस्लामाबाद : इन दिनों चीन और पाकिस्तान की अच्छी पट रही है। चीन एकाएक पाकिस्तान पर मेहरबान हो गया है और चीन ने यहां भी हिंदी - चीनी भाई - भाई की तर्ज पर अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान को अपना भाई बता दिया है। दूसरी ओर चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने पाकिस्तान की ओर इंवेस्टमेंट का पिटारा खोलकर रख दिया।
दरअसल चीन और पाकिस्तान के बीच करीब 50 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए जिसमें उर्जा उत्पादन, बुनियादी ढांचा सुधारने और रक्षा सौदे शामिल रहे। इसके लिए चीन ने पाकिस्तान पर भारीभरकम कर्ज लाद लिया है।
पाकिस्तान चीन की करीब 75520 करोड़ रूपए की मेहरबानी पर निर्भर हो रहा है। हालांकि इससे पाकिस्तान के उर्जा संकट को कुछ कम किया जा सकेगा और पाकिस्तान की सामरिक स्थिति कुछ बदलेगी।
उल्लेखनीय है कि चीन की नज़र भी हमेशा से भारत की धरती पर रही है। ऐसे में वह चीन के पश्चिमी भाग से पाक अधिकृत कश्मीर के रास्ते पाकिस्तान के अरब सागर से जुड़े ग्वादर बंदरगाह से संपर्क में रह सकता है। यहां भी चीन की रेल, सड़क पैट्रोलियम पाईपलाईन का नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश है।
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