भोपाल। प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करने वाले व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की परीक्षाओं में धांधली करने वाले एक सायबर कैफे संचालक को हिरासत में लिया गया है। वह 500 रुपए के लालच में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार का फॉर्म रिजर्व कोटे में भरकर फीस बचा लेता था। बता दे की आरोपी के खिलाफ वर्ष 2013 में एक युवती ने सायबर सेल से शिकायत की थी। नापतौल विभाग कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के पद पर चयनित होने के बाद इस युवती को सामान्य वर्ग का होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
टीआई एमआर खान ने जानकारी दी की बैरागढ़ की रहने वाली प्रतिभा शर्मा ने वर्ष 2013 में व्यापमं परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की थी। प्रतिभा ने वर्ष 2012 में गुस्र्कृपा नाम के सायबर कैफे से कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी की पोस्ट पर भर्ती के लिए सामान्य वर्ग का ऑनलाइन फार्म भरा था। बी-7, ओल्ड सेवा सदन का रहने वाला कैफे संचालक 28 वर्षीय कमलेश देवाने ने फार्म की फीस 500 स्र्पए और कमीशन के 50 स्र्पए लिए थे।
उसने दिन में सर्वर डाउन का बोलकर शाम के समय फार्म भरने की बात कही थी। जब प्रतिभा को एडमिट कार्ड रिजर्व कैटेगरी का मिला, तो उन्होंने कमलेश से शिकायत की। उसने सुधार करवाते हुए प्रतिभा को व्यापमं के नाम से मिलती-जुलती आईडी से नया एडमिट कार्ड भेज दिया। प्रतिभा ने परीक्षा दी और वह पास भी हो गई, लेकिन उसे सीट रिजर्व कोटे की मिली। विभाग ने सामान्य श्रेणी की होने के कारण उसे अयोग्य घोषित कर दिया।
सायबर सेल ने 2 साल चली जांच के बाद आरोपी कमलेश को शनिवार को बैरागढ़ से गिरफ्तार कर लिया। टीआई के मुताबिक प्रतिभा के परीक्षा पास होने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ, लेकिन जो पास नहीं हुए उन्हें तो इसका पता ही नहीं चल पाया। आरोपी सिर्फ सामान्य वर्ग की फीस बचाने के चक्कर में परीक्षार्थियों का आवेदन रिजर्व कोटे में भर देता था। परीक्षार्थी के शिकायत करने पर वह उन्हें अपने व्यापमं के नाम से बने ई-मेल आईडी से दूसरा सामान्य वर्ग का प्रवेश पत्र भेज देता था। टीआई खान ने संदेह जताया कि आरोपी के कंप्यूटर जब्त होने के बाद और भी कई खुलासे हो सकते हैं।