भारतीय पहलवान सुशील कुमार का जन्म 23 मई 1983 को दिल्ली के नजफगढ़ के बापरोला ग्राम के एक हिन्दू जाट परिवार में हुआ था. उनके पिता दीवान सिंह डीटीसी बस ड्राईवर थे, जबकि उनकी माता कमला देवी एक गृहिणी थी. सुशील कुमार 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक, 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर लगातार दो ओलम्पिक मुकाबलों में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने.
कुमार ने अपनी ट्रेनिंग 14 साल की उम्र में से छत्रसाल स्टेडियम के अखाड़े से शुरू की. अखाड़े में उन्हें यशवीर और रामफल ने ट्रेन किया और बाद में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सतपाल ने उन्हें ट्रेन किया और फिर भारतीय रेल्वे के कैंप में उन्हें ज्ञान सिंह और राजकुमार बैसला गुर्जर आदि ने प्रशिक्षित किया.
66 किलो के वजन विभाग में लड़ते हुए सुशील ने 2010 में वर्ल्ड टाइटल, 2012 के लन्दन ओलंपिक्स में सिल्वर मेडल और 2008 के बीजिंग ओलंपिक्स में कास्य मेडल जीता था और उनकी इस जीत ने उन्हें दो व्यक्तिगत ओलंपिक्स मेडल जीतने वाला एक अकेला भारतीय बना दिया. 2005 और 2007 के कामनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीते। 2007 के वर्ल्ड चैंपियनशिप में वे 7 वे पायदान पर काबिज रहे और 2008 में बीजिंग ओलंपिक्स खेलो में उन्होंने ब्रोंज मेडल भी जीता.
पहलवान सुशिल कुमार के अवार्ड, सम्मान और उपलब्धियाँ
1 अर्जुन अवार्ड, 2005
2 राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड (जॉइंट), भारत का सर्वश्रेष्ट खेल पुरस्कार
3 पद्म श्री, 2011