क्या बाइबल–कुरान जलाने पर यही चुप्पी होती ? फिर गीता जलाने पर कांग्रेस सरकार चुप क्यों ?
क्या बाइबल–कुरान जलाने पर यही चुप्पी होती ? फिर गीता जलाने पर कांग्रेस सरकार चुप क्यों ?
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जयपुर: राजस्थान के बाड़मेर में कुछ लोग धर्म-परिवर्तन भी कर रहे है। इस  बीच उन्होंने हिंदू धार्मिक ग्रंथ को जलाकर अपने पैरों से रौंदा जा चुका है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है। जिसके पश्चात् हिंदू संगठन के लोग विरोध में उतर आए और आरोपियों की गिरफ्तार की मांग भी करने लगे है।

हिंदू संगठन का इल्जाम है कि विधायक के दबाव में पुलिस कार्रवाई अब तक शुरू नहीं कर पाई है। फिलहाल, पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में ले लिया है। केस बाड़मेर जिले के सीमावर्ती बाखासर गांव का है। यहां दो दिन पहले कुछ लोग बौद्ध धर्म अपनाने के नाम पर जन जागरूकता कार्यक्रम करने के लिए गए हुए थे। कार्यक्रम के बाद के उपरांत 10 लोगों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाया। इल्जाम है कि जिसके उपरांत लोगों ने जय भीम के नारे भी लगाए है। साथ ही हिंदू धार्मिक ग्रंथ को को फाड़कर जला भी दिया है। जिसके उपरांत अधजले ग्रंथ को अपने पैरों से रौंदने लगे। 

वीडियो सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश: इस घटनाक्रम के बीच वहां मौजूद कुछ लोगों ने वीडियो भी बनाया और इसे सोशल मीडिया पर साझा कर दिया गया है। जिसके साथ साथ बाखासर गांव में ग्रामीणों के साथ हिंदूवादी संगठन विरोध प्रदर्शन करने  लग गए है। आज इसी केस को लेकर हिंदू संगठन ने बाड़मेर के कलेक्टर पर पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर भी उठा रहे है। साथ ही 24 घंटों में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग भी कर रहे है।

समता सैनिक दल ने किया था कार्यक्रम का आयोजन: पुलिस की सूचना के अनुसार, समता सैनिक दल के अमृत धनदे, भंत कश्यप, आनंद ने बाखासर में बौद्ध धर्म की दीक्षा के लिए कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा चुका है। यहां कुछ लोगों ने हिंदू धार्मिक ग्रंथ को जलाने का एक वीडियो भी बनाई जा रही है। उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था।

धार्मिक ग्रंथ का अपमान सहन नहीं करेंगे : हिंदू संगठन: हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए बोला है कि हिंदुस्तान सर्वधर्म में आस्था रखने वाला देश है। यहां प्रत्येक धर्म का सम्मान भी किया जा रहा है। यदि, इस तरह से हिंदू धार्मिक ग्रंथ का अपमान होता है, तो सनातनी इसे बर्दाश्त नहीं करने वाले है। वक़्त रहते धार्मिक उन्माद फैलाने वाले लोगों पर कार्रवाई होने चाहिए। अन्यथा सनातनी लोग बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

भागवत गीता की अब तक पुष्टि नहीं: केस को लेकर पुलिस का इस बारें में बोलना है कि हिंदू धार्मिक ग्रंथ भागवत गीता को जलाए जाने की पुष्टि नहीं हो चुकी है। वहीं, हिंदू संगठन के भूरसिंह राजपुरोहित का इस बारें में कहना है कि भागवत गीता जैसे हिंदू धार्मिक ग्रंथ का अपमान सहन नहीं किया जाने वाला है। प्रशासन 24 घंटे में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करे। अन्यथा बाड़मेर बंद और प्रदेश भर में उग्र आंदोलन भी किया जाने वाला है। 

मामले में बाड़मेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपत सिंह जैतावत ने इस बारें में कहा है कि, "दो दिन पहले बाखासर क्षेत्र में अमित धनदे और कश्यप के नेतृत्व में बौद्ध धर्म की दीक्षा का कार्यक्रम था। ऐसी बात सामने आई है कि यहां कुछ लोगों ने हिंदू धार्मिक ग्रंथ की प्रतियां जला दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। भागवत गीता जलाने की बात अब तक सामने नहीं आई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।" यदि बाइबल और क़ुरान के साथ ऐसा कुछ किया जाता तो क्या राजस्थान सरकार इसी तरह से शांत बैठी रहती..सोशल मीडिया पर लोग इस बारें में कई तरह के सवाल उठा रहे है। 

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