भगवान शिव की पूजा करने से पुण्य फल की प्राप्ति तो होती ही है वहीं पूजा पाठ के बाद उनकी आरती भी गाकर करना ही चाहिए। बगैर आरती गाए, आरती की पुर्णाहूति नहीं मानी जाती है और न ही शुभ फल की प्राप्ति ही होती है।
हालांकि यह माना जाता है कि भगववान शिव शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देवता है लेकिन भगवान शिव के बारे में यह भी कहा जाता है कि नाराज भी वे जल्द ही हो जाते है। इसलिए ऐसा कोइ्र्र काम नहीं किया जाए जिससे भगवान शिव की नाराजगी हो।
सामान्य पूजा पाठ करें और आरती करते वक्त आरती गाना चाहिए। भगवान शिव की आरती सरल व सामान्य है। पूजा आरती के समय परिजनों को भी उपस्थित रहना चाहिए।
भोजन करते वक्त करें सिर्फ हंसी मजाक