हर साल पूरे विश्वभर में 03 मार्च को 'विश्व वन्यजीव दिवस' मनाया जाता है. इस दिवस को हर साल एक अलग थीम रख कर सेलिब्रेट किया जाता है. साल 2017 में इस ख़ास दिन का मुख्य टॉपिक 'युवा की आवाज़ सुनें (Listen to the young voices)' था.
बात करें विश्व वन्यजीव दिवस के इतिहास की तो संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को अपने 68वे अधिवेशन में वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं वनस्पति के विलुप्त होती प्रजातियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 03 मार्च को हर साल विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाने का एलान किया. जंगल के जानवरों की विलुप होती प्रजातियों को रोकने के लिए पहले ही वर्ष 1872 में वाइल्ड एलीफैंट प्रेज़ेर्वेशन एक्ट लागू किया गया.
देखा जाए तो भारतीय वन्यजीवन संस्थान यानी (WII) को साल 1982 में बनाया गया था. यह संस्थान सेंट्रल एनवायरमेंट और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के बीच एक स्वशासी संस्थान है जिसे जंगल के जानवरों के संरक्षण क्षेत्र के परीक्षण और अनुसन्धान संस्थान के रूप में मान्यता दी गई है. हमारे जीवन के अलावा हमें हमारे आसपास के वातावरण और प्राणियों के बारे में भी सोचना चाहिए, जिससे उनको किसी प्रकार की हानि न पहुंचे.
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