EPFO को लेकर बनी हुई है गहमागहमी
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नई दिल्ली : हाल ही में वित्त मंत्रालय के द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज के प्रस्ताव में कटौती को लेकर अपना बयान पेश किया गया है. बताया जा रहा है कि ब्याज के प्रस्ताव में कटौती को लेकर श्रमिक यूनियन काफी नाराज है और इसके चलते ही उन्होंने हड़ताल करने का फैसला भी किया है. इस बिच वित्त मंत्रालय ने यह कहा है कि ईपीएफ पर वर्ष 2015-16 के लिए 8.7 फीसदी के ब्याज के लिए इससे पहले वाले साल के अधिशेष को भी ध्यान में रखना होगा.

गौरतलब है कि भविष्य निधि संगठन के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए 8.8 फीसदी की दर पर ब्याज का प्रस्ताव सामने रख था. जबकि यह देखने को मिला कि वित्त मंत्रालय के द्वारा इसे 8.7 फीसदी कर दिया गया. जानकारी में ही इस बात से भी अवगत करवा दे कि पिछले वर्ष के दौरान ईपीएफ पर 8.75 फीसदी का ब्याज दिया गया था.

वित्त मंत्रालय से सामने आई एक जानकारी में यह पता चला है कि इस वित्त वर्ष में ईपीएफओ की आमदनी इतनी नहीं देखी जा रही है कि 8.7 फीसदी का भी ब्याज वहन किया जा सके. मंत्रालय ने बताया है कि जहाँ वर्ष 2014-15 में अधिशेष 1,604.05 करोड़ रुपये देखा गया था, वहीँ वर्ष 2015-16 में यह अधिशेष केवल 673.85 करोड़ रुपये देखने को मिलने वाला है.

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