छोटी सी उम्र में बच्चे बने पिता का सहारा, नंगे पैर चलकर मिटाई परिवार की भूख
छोटी सी उम्र में बच्चे बने पिता का सहारा, नंगे पैर चलकर मिटाई परिवार की भूख
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इंदौर : देशभर में कोरोना महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन लगाना जरूरी है, लेकिन इसके वजह से कई लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं, सबसे ज्यादा परेशानियां श्रमिक परिवार झेल रहे हैं. किसी के सामने खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं, काेई अपने परिवार से जुदा हाेकर रह रहा है. उनकी व्यथा सुनने वाला काेई नहीं मिल रहा है. ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामान आया हैं. जो बता रहा हैं लॉकडाउन में श्रमिक परिवारों का दर्द.

बता दें की नंगे पैर तपती धूप में चलने वाले ये तीन बच्चे देपालपुर के हैं. इन्हें राशन लेने के लिए तपती धूप में नंगे पैर 5 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. बच्चे यहां युवा नेता चिंटू वर्मा के पेट्रोल पंप पर राशन लेने आए थे. वर्मा ने उन्हें देखा और अपनी कार से राशन समेत घर तक पहुंचाया. फिर उन्हें पता चला कि इनकी मां की मौत हो गई है. एक्सीडेंट के वजह से पिता चल नहीं पाते, ऐसे में बच्चे ही घर का जिम्मा संभाले हुए हैं.

दरअसल लाॅकडाउन में रुकी हुई रफ्तार को यही बच्चे गति देने में लगे हुए हैं. घर में राशन खत्म हुआ तो ये तपती धूप में ही राशन लेने निकल पड़े. इसकी जानकारी समाजसेवी राजेंद्र चौधरी को लगी तो उन्होंने एक दुकान खुलवाकर मासूमों के लिए 10 जोड़ी चप्पल भिजवा दी. इस पर बच्चों का कहना है कि वे जीवन में पहली बार एक नहीं, 2-2 जोड़ चप्पल पहनेंगे. उनकी छोटी-सी उम्र मे मिली बड़ी जिम्मेदारी ने तपती धूप को भी मात दे दी है.

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