नई दिल्ली: दुनिया भर में कहर बरपा चुके कोरोना वायरस ने भारत में तांडव मचाना शुरू कर दिया है. देश में अब तक कोरोना से 7 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में दिल्ली स्थित शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिलाओं को भी इस बीमारी से डर लगने लगा है. नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में बीते तीन महीने से भी अधिक समय से शाहीन बाग में धरने पर बैठी महिलाएं अब प्रदर्शन छोड़कर भागने लगी हैं.
यहां प्रदर्शनकारियों की तादाद में लगातार कमी आ रही है. शाहीन बाग के जिस पांडाल में संविधान की दुहाई देकर संविधान की हत्या का षड्यंत्र किया जा रहा था, उस पांडाल में अब गिनी चुनी महिलाएं ही नज़र आ रहीं हैं. वहीं, लखनऊ के घंटाघर के लगभग बीते 66 दिनों से CAA, NRC को लेकर जारी महिलाओं का प्रदर्शन भी समाप्त हो गया है. महिलाओं ने पुलिस आयुक्त को लेटर भेज कर कहा कि कोरोना जैसी महामारी और लखनऊ लॉकडाउन होने के कारण हम अस्थाई रूप से धरना खत्म कर रहे हैं.
इससे पहले रविवार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने इल्जाम लगाया था कि CAA विरोध प्रदर्शन वाले स्थान पर एक पेट्रोल बम फेंका गया. आपको बता दें कि बीते करीब तीन महीने से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में धरने पर बैठी महिलाओं ने पिछले सप्ताह प्रदर्शन खत्म करने से इनकार कर दिया था.
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