Feb 20 2016 04:12 AM
इस्लामाबाद : महिलाओं को अपने अधिकार के लिए भी अपने पति की मंजूरी जरुरी होगी, पति की मंजूरी के खिलाफ पत्नी अदालत में आवेदन नहीं लगा पाएगी. काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियॉलॉजी (सीआईआई) ने पति की मंजूरी के बिना कोर्ट से तलाक की मांग के औरतों के हक़ पर सवाल उठाया है, सीआईआई का कहना है कि पति को ही शादी ख़त्म करने का अधिकार है.
सीआईआई ने कहा है की शरिया के तहत केवल पति को ही तलाक के लिए पहले आवेदन करने का हक़ है. अदालत गलत तरह से शादियों को ख़त्म कर रहा है. क्योकि वह महिला के आवेदन पर त्वरित कार्रवाई कर रहा है.
पाकिस्तानी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, सीआईआई ने अदालत को पति की सहमति के बिना निकाह खत्म करने के लिए कोर्ट्स की तरफ से मंजूरी देने का विरोध किया है, और कहा की यह इस्लाम के विरोध में की ज़ा रही प्रक्रिया है सीआईआई ने सिविल कोर्ट्स से अपील की है कि वे महिला के तलक के आवेदन के समय पति की मंजूरी को भी जरुर देखे.
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