महिला-पुरुष को मिलेगा समान वेतन, जानिए नए लेबर कोड में होगा क्या-क्या बदलाव?
महिला-पुरुष को मिलेगा समान वेतन, जानिए नए लेबर कोड में होगा क्या-क्या बदलाव?
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नई दिल्ली: भारत में नए लेबर कोड (New Labour Code) को लागू करने की तैयारी में केंद्र सरकार जुटी है। सरकार नौकरीपेशा व्यक्तियों की वर्किंग लाइफ (Working Life) में परिवर्तन के लिए नए नियम को लागू करने की तैयारी में है। हालांकि, नए लेबर कोड को देश में कब से लागू किया जाएगा। इसपर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। किन्तु ये तय है कि इसे लागू किया जाएगा। नए कोड के लागू होने के पश्चात् सप्ताहिक छुट्टी (Weekly Off) से लेकर नौकरीपेशा लोगों के वेतन में भी परिवर्तन होगा। कंपनियों को अपनी वर्किंग स्ट्रैटजी को परिवर्तित करना पड़ सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने हाल ही में कहा था कि फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेज एवं फ्लेक्सिबल वर्किंग घंटे भविष्य की आवश्यकताएं हैं। 

केंद्र सरकार चाहती है कि सभी प्रदेश नए लेबर कोड को एक साथ लागू करें। लोगों की निजी जिंदगी और काम के बीच में बैलैंस के लिए इस कॉन्सेप्ट को लाया जा रहा है। चार नए कोड नए लेबर कोड वेज (Wage), सोशल सिक्योरिटी (Social Security), इंडस्ट्रियल रिलेशंस (Industrial Relations) एवं ऑक्यूपेशनल सेफ्टी (Occupational Safety) से जुड़े हैं। नए लेबर कोड के लागू होने के पश्चात् जिस होने वाले परिवर्तन की सबसे ज्यादा चर्चा है, वो है तीन दिन का वीकली ऑफ। नए लेबर कोड में 3 छुट्टी तथा 4 दिन काम का प्रावधान है। हालांकि, काम के घंटे में बढ़ोतरी होगी। नए लेबर कोड लागू होने के पश्चात् आपको कार्यालय में 12 घंटे काम करने होंगे। कुल मिलाकर हफ्ते में आपको 48 घंटे काम करने होंगे। तत्पश्चात, आपको 3 दिन का सप्ताहिक अवकाश मिलेगा।

इसके अतिरिक्त छुट्टियों को लेकर भी एक बड़ा परिवर्तन होगा। पहले किसी भी संस्थान में लंबी अवधि की छुट्टी लेने के लिए वर्ष में कम से कम 240 दिन काम करना आवश्यक होता था। किन्तु नए लेबर कोड के तहत आप 180 दिन काम करना आवश्यक होता था। किन्तु  नए लेबर कोड के तहत आप 180 दिन (6 महीना) काम करने के बाद लंबी छुट्टी ले सकेंगे। नए वेज कोड के लागू होने के पश्चात् टेक होम सैलरी यानी इन हैंड सैलरी आपके अकाउंट में पहले की तुलना में कम आएगी। सरकार ने नए नियम में प्रावधान किया है कि किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी उसकी टोटल सैलरी (CTC) का 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा होनी चाहिए। यदि आपकी बेसिक सैलरी अधिक होगी, तो पीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा। सरकार के इस प्रावधान से रिटायरमेंट के वक़्त कर्मचारियों  को मोटी रकम मिलेगी। साथ ही ग्रेज्युटी का रुपया भी ज्यादा मिलेगा। इससे उनका भविष्य आर्थिक तौर पर मजबूत बनेगा।

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