क्यों जिंदा इंसानों को लेटना पड़ा अर्थी पर
क्यों जिंदा इंसानों को लेटना पड़ा अर्थी पर
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मऊ : उत्तर प्रदेश के मऊ में बुधवार को एक महिला और एक वृद्ध ने कलेक्ट्रेट पर मुर्दे का स्वांग रच कर अनशन किया. ये अनशन महिला ने कब्जा की गई जमीन वापस न दिलाने और लूटपाट की रिपोर्ट न लिखे जाने के विरोध में किया. यह महिला पहले भी धरना और अनशन कर चुकी है पर प्रशासन की नींद नहीं खुली. पुलिस ने जबरदस्ती अनशन खत्म करा कर वृद्ध को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जबकि महिला को भगा दिया. इसके बाद DM ने इन्हे न्याय दिलाने की बात कही.

क्या है मामला? 

मऊ के रणवीरपुर गांव निवासी 70 वर्षीय लेढ़ा राजभर की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर ली है, जबकि मुहम्मदाबाद तहसील के औरा रानीपुर के दरौरा गांव में कुछ दिन पहले 36 वर्षीय राधिका चौरसिया के घर में घुसकर कुछ लोगों ने मारपीट और लूटपाट की थी. इसके बाद दोनों ने पुलिस थाने के कई चक्कर लगाए लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. 

इसी पर न्याय की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट में पहले धरने पर और बाद में बेमियादी अनशन भी किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए बुधवार को राधिका और लेढ़ा ने मृतक का ढोंग करके कफन लपेटकर टिकठी पर लेटकर अनशन शुरू कर दिया. जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को जबरदस्ती वहाँ से हटाया और लेढ़ा को गिरफ्तार कर लिया.

DM वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट अनशनकारियों से बातचीत करने पहुंचे. उनका कहना था कि अनशन अलोकतांत्रिक था इसलिए उन्हें हटाया गया. इस दौरान किसी के भी साथ मारपीट नहीं की गई. अनशनकारियों की मांगों को निपटाने की जिम्मेदारी सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपी गई है. दोनों को न्याय दिलाया जाएगा.

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