मरीजों की जान बचाने के लिए बने अस्पतालों में आजकल इतनी अमानवीयता छाई है, कि अक्सर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मरीजों की जान जाती है. हाल ही में सुपौल जिला के छातापुर पीएचसी में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण एक नव प्रसूता की मौत हो गई.
एंबुलेंस में पेट्रोल ना होने का बहाना बनाने से प्रसूता को समय पर इलाज नहीं मिल पाया, जिस वजह से बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की मौत हो गई.गत 25 जनवरी की देर रात को छतरपुर के राजेश्वरी पश्चिमी पंचायत की 23 वर्षीय महिला बेबी पाठक को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद उसे छातापुर पीएचसी में भर्ती कराया गया. जहां उसकी हालत खराब होने के बावजूद पीएचसी में मौजूद लोगों ने कहा कि उसकी स्थिति ठीक है और वह सुरक्षित है. इसके बाद महिला का ऑपरेशन कर उसका प्रसव करा दिया गया.
लेकिन उसके तुरंत बाद ही महिला की हालत बिगड़ गई. जिसको देखते हुए डॉक्टरों ने रात में उसे रेफर तो कर दिया, लेकिन उसे एंबुलेंस नहीं दी गई. अस्पताल प्रशासन ने कहा कि एंबुलेंस में पेट्रोल नहीं है, जिस वजह से वह नहीं जा पाएगी. इस वजह से घंटो तक प्रसूता को इलाज नहीं मिल पाया और उसकी मौत हो गई. अब परिजन आक्रोशित हैं और जल्द से जल्द अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.
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