नई दिल्ली : सदैव सुर्खियों में रहने वाले द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती एक बार फिर विवादों से घिर गए हैं। हाल ही में केंद्र की भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण की बात भाजपा नेता बंद करें। राम मंदिर का निर्माण तो संत उस स्थान पर करेंगे। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने हाल ही में रामलीला मैदान पर हिंदू धर्म संसद को संबोधित किया।
जिसमें उन्होंने राम मंदिर के निर्माण की बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक वर्ग का एक तबका मुगल शासक बाबर का नाम ला रहा है और मामले को राजनीतिक लाभ के लिए तूल दिया जा रहा है। उन्होंने अदालत की बात को कोड करते हुए कहा कि न्यायालय ने तो माना है कि बाबर इस स्थान पर कभी पहुंचा ही नहीं था।
शंकराचार्य ने कहा कि यहां हिंदूओं के पूजन स्थल होने के अवशेष मिले हैं। मिली जानकारी के अनुसार शंकराचार्य द्वारा इस तरह का बयान दिए जाने के बाद मामला गरमा गया है। माना जा रहा है कि इस मसले पर न्यायालय में वाद दायर होने के बाद भी इस तरह की बयानबाजी करने से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है ।