नई दिल्ली: दिवाली का त्योहार आने वाला है और ऐसे में देश में बिजली संकट का खतरा भी मंडराने लगा है. भारत में 135 बिजली घर ऐसे हैं जहां कोयले से बिजली का उत्पादन किया जाता है, मगर इनमें से आधे के पास तीन दिन से भी कम का कोयला स्टॉक शेष है. भारत की बिजली की लगभग 70 फीसद आपूर्ति कोयले से ही होती है.
बता दें कि चीन के बाद भारत विश्व में दूसरे स्थान पर हैं, जहां कोयले का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है. चीन में भी कोयले का संकट उत्पन्न हो गया है और वहां इस संकट से निपटने के लिए कारखानों और स्कूलों को बंद कर दिया गया है. वहीं, भारत को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को दावा करते हुए कहा कि देश में कोयले का संकट न था, न है और न रहेगा. किन्तु उसके बाद भी राज्यों ने सवाल खड़े किए हैं.
रविवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने देश में कोयले की किल्लत होने की बात को खारिज किया. उन्होंने कहा कि ये जानबूझकर बनाया गया संकट था. उन्होंने कहा था कि हमारे अधिकारी प्रति दिन कोयले के स्टॉक की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. आरके सिंह ने कहा था कि, 'जितने पॉवर की आवश्यकता होगी, हम उतनी आपूर्ति करेंगे. आज हमारे पास 4.5 दिन का कोयले का स्टॉक है. तो ये कहना है कि जितने कोयले की आवश्यकता थी, उतना नहीं मिला, ये कहना भ्रामक है. आपको जितना चाहिए, आपको मिलेगा.'
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