'CBI के सामने पेश होना ही होगा..', लैंड फॉर जॉब मामले में तेजस्वी यादव को कोर्ट से नहीं मिली राहत
'CBI के सामने पेश होना ही होगा..', लैंड फॉर जॉब मामले में तेजस्वी यादव को कोर्ट से नहीं मिली राहत
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पटना: जमीन के बदले नौकरी (Land for Job Scam) देने के मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव 25 मार्च 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होंगे। तेजस्वी ने गुरुवार (16 मार्च) को इसके संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय को जानकारी दी है। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने तेजस्वी यादव का बयान दर्ज किया और उन्हें इस महीने गिरफ्तारी से राहत दी। न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि CBI इस महीने तेजस्वी यादव को अरेस्ट नहीं करेगी। कोर्ट ने सुझाव दिया कि CBI तेजस्वी यादव को 5 अप्रैल 2023 को बजट सत्र ख़त्म होने के बाद तलब करे।

दरअसल, कोर्ट, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने पूछताछ के लिए पेश होने के लिए CBI द्वारा जारी समन को चुनौती दी थी। अदालत में सुनवाई के दौरान तेजस्वी यादव की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि बिहार विधानसभा का बजट सत्र जारी है। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि छापे से तेजस्वी की गर्भवती पत्नी को नुकसान हुआ है। वहीं, CBI की तरफ से पेश वकील डीपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि चार्जशीट तैयार है और तेजस्वी किसी भी शनिवार को पेश हो सकते हैं। तेजस्वी यादव की गिरफ्तारी की आशंका को दूर करते हुए उन्होंने अदालत को बताया कि, अभी उन्हें अरेस्ट नहीं किया जाएगा।

बता दें कि CBI नौकरी के बदले जमीन मामले में पूछताछ के लिए तेजस्वी यादव को अब तक तीन नोटिस जारी कर चुकी है। हालाँकि, 3 नोटिस जारी होने के बाद भी वह जवाब देने के लिए अभी तक हाजिर नहीं हुए हैं। CBI ने तेजस्वी को ये नोटिस 28 फरवरी 2023, 4 मार्च 2023 और 11 मार्च 2023 को जारी किए थे। अपनी याचिका में तेजस्वी यादव ने कहा है कि उन्हें प्रताड़ित करने के इरादे से CBI ने ये नोटिस जारी किए थे। उन्होंने यह भी दलील दी कि जिस वक़्त यह अपराध हुआ, उस वक़्त वह नाबालिग थे। याचिका में कहा गया है कि वे पटना के निवासी हैं, मगर उन्हें दिल्ली में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा जा रहा है।

तेजस्वी ने कोर्ट में कानून बताते हुए कहा कि यह आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 160 के उल्लंघन की धारा 160 के प्रावधान के खिलाफ है। उन्होंने अपनी याचिका में माँग की थी कि उन्हें जारी किए गए तीन नोटिसों को निरस्त कर दिया जाए। उन्होंने कोर्ट से यह अनुरोध किया कि उनके आवास पर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ की इजाजत दी जाए। बता दें कि बुधवार (15 मार्च) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में तेजस्वी यादव के पिता और पूर्व रेलवे मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती को जमानत प्रदान कर दी थी। इस मामले में तेजस्वी यादव भी आरोपित हैं।

यह मामला वर्ष 2004 से 2009 के बीच का है। उस समय केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। इस दौरान उन्होंने करीबियों को नौकरी देने लिए नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए नौकरी के बदले में अभ्यर्थियों से जमीनें ली थीं। इस मामले में CBI द्वारा 10 अक्टूबर 2022 को लालू, राबड़ी देवी और उनकी बेटी समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।

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