लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के विनायकपुर कस्बे का लाल जब पुलवामा में शहीद हुआ तो कई सारे वादे किए गए, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने शहीद के लिए स्मारक बनाने की घोषणा भी की गई। किन्तु वादा करने वाले ही शहीद जवान को ही भूल गए। शहीद के स्मारक के लिए जिला प्रशासन रास्ता नहीं दिलवा पा रहा है। परिजन अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटकर थक चुके हैं। परेशान परिजनों ने अब तंग आकर आमरण अनशन की चेतावनी दी है।
बरनाहल विकास खंड के अंतर्गत आने वाले गांव विनायकपुर के रहने वाले रामवकील 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। रामवकील के शहीद होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने गांव विनायकपुर में शहीद का स्मारक बनाने के लिए जगह दी, किन्तु अब शहीद स्मारक के लिए रास्ता न मिलने की वजह से परिवार वाले वहां स्मारक का निर्माण नहीं करा पा रहे हैं।
शहीद की पत्नी गीता देवी ने कहा है कि वह खुद शहीद स्मारक के रास्ते के लिए चार बार जिलाधिकारी से और पांच बार उपजिलाधिकारी से मिल चुकी है। सोमवार को गीता देवी ने शहीद रामवकील के भतीजे शिवकुमार और CRPF जवान मनोज कुमार के साथ एसडीएम को भी समस्या बताई की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। गीता देवी ने चेतावनी दी है कि अगर पांच दिन में शहीद स्मारक के लिए रास्ता नहीं मिलता है तो, वह परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठने को विवश होगी।
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