रेवाड़ी: कोई अपनी पत्नी से मिलने के लिए पूरी की पूरी प्लेन हाइजैक कर लेता है, तो कोई अपनी पत्नी से न मिलने से गुस्सा कर एमएलए-एमपी से लेकर सेना तक को नोटिस भेज देता है। बीते दिनों हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान देश को तो 45,000 करोड़ रुपए की क्षति हुई है, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर भी कई लोगों को परेशानियां हुई है।
सतबीर सिंह नाम के शख्स ने बीमार पत्नी से न मिल पाने से नाराज होकर आर्मी चीफ, दस सांसदों व 90 विधायकों को कानूनी नोटिस भेजा है, कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी से लेकर होम सेक्रेटरी तक से जवाबम मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होनी है।
फरवरी में हुए जाट आंदोलन के दौरान यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप्प पड़ गई थी और हरियाणा में चारों ओर हिंसा भड़की हुई थी, 25 फरवरी को दायर पिटीशन में सतबीर ने बताया है कि उसकी पत्नी का दिल्ली में इलाज चल रहा है, आंदोलन के दौरान आर्मी और प्रशासन की लापरवाही के कारण वो अपनी पत्नी से मिलने न जा सका।
उसने कहा है कि 19 फरवरी को वह दिल्ली से हरियाणा के अपने गांव आया था, 20 फरवरी को एक पेशी के बाद उसे वापस दिल्ली जाना था, उसका आरोप है कि आर्मी जाम नहीं खुलवा पाई और सरकार ने भी जिम्मेदारी पूरी नहीं की, आगे सतबीर ने मांग की है कि जिन लोगों के उसने नाम दिए है, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
साथ ही आंदोलन से जो 45,000 करोड़ की हानि हुई है, उसकी भी क्षतिपूर्ति की जाए, नोटिस भेजे जाने वालों पर चुनाव न लड़ने का प्रतिबंध लगाया जाए, साथ ही उसे खुद के लिए भी एक लाख रुपया मुआवजा चाहिए।