इस वजह से सावन के महीने में मेहँदी लगाती है महिलाएं
इस वजह से सावन के महीने में मेहँदी लगाती है महिलाएं
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सावन का महीना सभी के लिए ख़ास होता है. ऐसे में सावन के महीने का इंतजार सभी को होता है और यह महीना भोलेनाथ का प्रिय महीना माना जाता है. इस महीने में भोलेनाथ को खुश करने के लिए लाखो जतन करते हैं. वहीं इन दिनों हरियाली ही हरियाली देखने को मिलती है. वहीं इस महीने में शादीशुदा औरतें 16 श्रृंगार करती हैं और कुँवारी कन्याएं मेहंदी व हरी, लाल चूड़ियां पहनती हैं. वहीं इस महीने में मेहँदी लगाने का भी एक अलग ही महत्व माना जाता है. जी हाँ, कहते हैं भारत में मेहंदी लगाने का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है और हर उम्र की महिलाओं को मेहंदी की पत्तियां लुभाती रही हैं. ऐसे में देश के लगभग हर प्रदेश में मेहंदी लगाने का रिवाज है और यह रिवाज बरसों से चला आ रहा है. वहीं सावन के महीने में मेहँदी लगाने का अपना एक महत्व होता है जो धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों होता है. तो आइए हम आपको बताते हैं.

वैज्ञानिक महत्व - कहते हैं कई लोग सावन को बारिश का महीना भी कहते हैं और ये कहना गलत भी नहीं होगा. ऐसे में इस महीने में कई प्रकार की बीमारियां फैलने लगती हैं और आयुर्वेद में हरा रंग कई रोगों की रोक-थाम में कारगर माना गया है. वहीं मेहंदी की खुशबू और ठंडक स्ट्रेस को भी कम करती है और यह एक कारण है कि मेहंदी लगाना बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं. वहीं मेहंदी तासीर में ठंडी होने के कारण इसका उपयोग शरीर में बढ़ी हुई गर्मी को कम करने के लिए किया जाता है और हाथों और पैरों के तलवों में मेहंदी लगाने से शरीर की गर्मी कम होती है. इसी के साथ मेहंदी में कई औषधीय गुण भी शामिल हैं और मेहंदी की शीतलता तनाव, सिरदर्द और बुखार से राहत दिला देती है. कहा जाता है इसे लगाने से त्वचा संबंधी कई रोग दूर होते हैं और साथ ही त्वचा की खुश्की दूर होने लगती है.

धार्मिक महत्व - वैसे तो सावन में कई तीज-त्योहार पड़ते हैं और इस महीने से ही महिलओं के व्रत-उपवास और तरह-तरह की पूजा-पाठ शुरू हो जाती हैं. ऐसे में इस महीने में यह सब करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और घर में समृद्धि आती हैं. वहीं धर्मग्रंथों के मुताबिक़ महिलाओं को सौभाग्य प्राप्ति वाले तीज-त्योहार और व्रत पर सौलह श्रृंगार करना जरूरी माना गया है मतलब कि सौभाग्य प्राप्ति की चीजों को धारण करना जरूरी माना गया है. इसमें मेहंदी भी शामिल है इस कारण से श्रावण माह में मेहंदी लगाई जाती है.

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