कोच्ची: केरल उच्च न्यायालय ने सूबे में बार या बीवरेज कार्पोरेशन (बेवको) की दुकानों के बाहर लाइन लगाने के लिए नए कोविड-नियमों के अनुपालन की गैर-बाध्यता को मंगलवार को विस्मयकारी, आश्चर्यजनक एवं बेतुका कहा है. इन नियमों का प्रदेश में किसी भी दुकान पर जाने पर पालन करना होता है और उनके तहत कस्टमर को वैक्सीन की कम से कम एक डोज़ लगी होनी चाहिए या उसकी RTPCR रिपोर्ट निगेटिव हो.
जस्टिस देवान रामचंद्रन ने राज्य सरकार से पुछा कि दुकानों पर जाने के लिए ग्राहक को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक या 72 घंटे के अंदर उसकी निगेटिव RTPCR जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता संबंधी सरकारी आदेश बारों या बेवको (बीवरेज कार्पोरेशन) दुकानों पर मान्य क्यों नहीं है. जहां घंटों तक लंबी-लंबी कतारें लगती हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि ऐसे प्रतिष्ठानों पर भी नई गाइडलाइन्स लागू होनी चाहिए. जस्टिस रामचंद्रन ने कहा कि, ‘यह बड़ी विस्मयकारी, आश्चर्यजनक एवं बेतुकी बात है कि 4 अगस्त का सरकारी आदेश शराब खरीदने के लिए मान्य नहीं है. जब चार अगस्त का सरकारी आदेश बाकी सभी जगहों पर मान्य है तो शराब खरीदने के लिए क्यों नहीं? इसका बार एवं शराब की दुकानों पर पालन क्यों नहीं किया जाता?’
कोर्ट ने कहा कि उसका मानना है कि यह सरकारी आदेश ऐसी दुकानों पर भी लागू होना चाहिए क्योंकि ‘इससे टीकाकरण को रफ्तार मिलेगी.’ उसने कहा कि अगर शराब खरीदने के लिए टीकाकरण को अनिवार्य बना दिया जाए तो ‘अधिकाधिक लोग इसे अपनायेंगे.’ हाई कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को करेगी.
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