सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रहा #BlackDayForIndianJudiciary ?
सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रहा #BlackDayForIndianJudiciary ?
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नई दिल्ली: भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और उदयपुर में कन्हैयालाल की निर्मम हत्या पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद से पूरे देश में हलचल मच गई है। बड़ी संख्या में लोग इस टिप्पणी का विरोध कर रहे है। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट के जज सूर्य कांत ने कल शुक्रवार को कहा था कि, उदयपुर में हुई घटना के लिए पूरी तरह नूपुर शर्मा ही जिम्मेदार है और उनकी वजह से पूरे देश में आग ली हुई है। सुप्रीम कोर्ट की इसी टिप्पणी का जमकर विरोध हो रहा है। लोगों का कहना है कि कोर्ट ने उस कट्टरपंथ पर एक शब्द क्यों नहीं बोला, जिसके चलते दूकान में घुसकर कन्हैयालाल का गला काट डाला गया ? इसी वजह से सोशल मीडिया पर #SupremeCourtIsCompromised और #BlackDayForIndianJudiciary जमकर ट्रेंड कर रहा है। 

सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि, सुप्रीम कोर्ट इस तरह कैसे एक आतंकी कृत्य को जायज ठहरा सकता है ? शैफाली वैद्य ने लिखा है कि, 'जस्टिस कांत और परदीवाला ने मूल रूप से #NupurSharma को जान से मारने की धमकी को वैधता प्रदान की है। #BlackDayforIndianJudiciary।'

सचिन सिंह लिखते हैं कि, 'क्या सुप्रीम कोर्ट ने औपचारिक रूप से हमारे संविधान के ऊपर शरिया कानून को स्वीकार कर लिया है? क्या जस्टिस कांत औपचारिक रूप से किसी इस्लामी संगठन में शामिल हो गए हैं?'  

लोगों का कहना है कि, मौलाना इलियास सर्फुद्दीन ने एक TV डिबेट में शिवलिंग को 'प्राइवेट पार्ट' बताते हुए हिन्दुओं के भगवान का अपमान किया था, तो क्या उनकी हत्या जायज होगी ? इस तरह तो देश में कानून नाम की कोई चीज़ ही नहीं रह जाएगी। एक Twitter यूजर ने लिखा है कि, 'ये शरीया कोर्ट है क्या? नुपूर अपनी याचिकाओं को दिल्ली शिफ्ट कराने की माँग लेकर आई थी। अगर ऐसा नहीं करना तो साफ मना किया जाता। ये सब कहने की क्या आवश्यकता। बिन सुनवाई के उन्हें दोषी बनाया जा रहा है।' इसके साथ ही कुछ यूज़र्स ये भी पूछ रहे हैं कि, अगर कन्हैया लाल की मौत की जिम्मेदार नुपूर शर्मा हैं, तो कमलेश तिवारी और किशन भरवाड़ की हत्या का जिम्मेदार कौन है। यही नहीं, यूजर सुप्रीम कोर्ट के जज सूर्य कांत पर भी ऊँगली उठा रहे हैं। एक यूजर का कहना है कि, 'जजों ने नुपूर को दोषी ठहराया उनमें से एक जस्टिस पारदीवाल हैं, जो 1989 से 1990 में कांग्रेस MLA रह चुके हैं और दूसरे जस्टिस सूर्यकांत हैं, जिस पर भ्रष्टाचार के गंभीर इल्जाम लगे हैं, जिसके कारण जस्टिस एके गोयन ने उनकी नियुक्ति पर विरोध भी किया था।'

वहीं, एक यूज़र ने लिखा है कि, 'वो शिवलिंग को बार-बार प्राइवेट पार्ट कहें, तो चुपचाप सुन लो, नहीं तो वहां से चले जाओ, वो उकसाएं तो भी कुछ न बोलो। क्योंकि तुमने कुछ बोला तो वो तुम्हारी हत्या कर देंगे और कोर्ट तुम्हारी हत्या का इल्जाम तुम्हारे 'बोलने' पर ही लगा देगा।'  एक अन्य यूज़र ने लिखा कि, 'यदि उदाहरण से समझा जाए, तो एक व्यक्ति को अपमान सहन नहीं हुआ तो उसने पलटवार में अपमान किया, वहीं दूसरे व्यक्ति को अपमान सहन नहीं हुआ और उसने हत्या कर दी। अब देश की सबसे बड़ी अदालत को ये देखना था कि दोनों में से बड़ा दोषी कौन ?  कोर्ट के अनुसार- दोषी बयान देने वाला, हत्यारे नहीं।'
 
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