युधिष्ठिर ने क्यों दिया था स्त्री जाति को श्राप
युधिष्ठिर ने क्यों दिया था स्त्री जाति को श्राप
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महाभारत में पांडवो का एक और भाई था कर्ण इस सच्चाई की युद्ध समाप्त होने तक उनको भनक भी नहीं लगी थी महाभारत के शांति पर्व के अनुसार युद्ध समाप्त होने के बाद जब कुंती ने युधिष्ठिर को बताया कि कर्ण तुम्हारा बड़ा भाई था तो पांडवों को बहुत दुख हुआ। 

तब युधिष्ठिर ने विधि-विधान पूर्वक कर्ण का भी अंतिम संस्कार किया। माता कुंती ने जब पांडवों को कर्ण के जन्म का रहस्य बताया तो शोक में आकर युधिष्ठिर ने संपूर्ण स्त्री जाति को श्राप दिया कि–आज से कोई भी स्त्री गुप्त बात छिपा कर नहीं रख सकेगी।  

तब से ही ऐसा माना जाता है कि स्त्री जाति इसी श्राफ के कारण कोई भी रहस्यमय, गुप्त या फिर किसी को ना बताने वाली बात भी अपने मन में नहीं रख सकती कोई भी गुप्त वे छिपा नहीं सकती।  

 

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