मुंबई: नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर जंग छिड़ गई है। संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाए जाने से विपक्षी दल मोदी सरकार के खिलाफ निरंतर हमलावर हैं। कुछ विपक्षी दल ने उद्घाटन कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं होने का निर्णय लिया है। इस बीच, शनिवार को NCP प्रमुख शरद पवार ने मोदी सरकार पर संसद भवन निर्माण के चलते भरोसे में नहीं लेने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा, मैं कई सालों से सांसद रहा हूं। हम अखबार में पढ़ते हैं कि एक नया संसद भवन बनाया जाएगा। इतना अहम फैसला लेते वक़्त संसद सदस्यों को भरोसे में लेने की आवश्यकता थी। शरद पवार ने कहा कि भूमिपूजन के चलते भी किसी को आमंत्रित नहीं किया गया। अब संसद भवन बनकर तैयार है। विपक्ष को भरोसे में लेना चाहिए था। इसलिए हम कुछ दलों के बहिष्कार करने के फैसले को स्वीकार करते हैं।
बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने दोनों गुटों की जगह चुनाव आयोग से शिवसेना पार्टी के गठन की मांग की है। इस बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा, इसका अर्थ है कि फैसला लेने की प्रक्रिया आरम्भ हो गई है। वहीं, देश के 4 प्रदेशों में समान नागरिक संहिता कानून लागू किए जाने पर की चर्चा पर पवार ने कहा, यह गलत है। इस खबर में कोई सच्चाई नजर नहीं आ रही है। ऐसा कुछ नहीं हुआ। आपको बता दें कि देश के नए संसद भवन का 28 मई को उद्घाटन होगा। पीएम नरेंद्र मोदी इस भवन का उद्घाटन करेंगे मगर अब इस खूबसूरत बिल्डिंग को लेकर देश में राजनीति छिड़ गई है। वे प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना कर रहे हैं।
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