क्या आप जानते हैं कि दीपावली के पर्व में धनतेरस क्यों मनाई जाती है। आपका जवाब होगा धनतेरस इसलिए मनाई जाती है क्योंकि यह दीपावली की अमावस्या से पहले आती है लेकिन हम आपको इस पर्व के मनाए जाने का कारण बता रहे हैं। जी हां, भगवान धन्वन्तरी का जन्म इसी दिन हुआ था। ऐसे में भगवान धन्वन्तरी का पूजन इस दिन किया जाता है। मान्यता है कि भगवान इस दिन अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
इस दिन को दीपावली से पहले मनाने के पीछे कथा प्रचलित है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान एक दीव्य पुरूष अमृत लेकर निकले थे। इसके दो दिनों बाद देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। दीपावली के दो दिन पहले धनतेरस इसी कारण से मनाई जाती है। एक अन्य कथा के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन देवताओं के कार्य में मुश्किल आ गई ऐसे में भगवान विष्णु ने असुरों के गुरू शुक्राचार्य की आंख फोड़ डाली।
शुक्राचार्य ने वामन स्वरूप भगवान को पहचान लिया और राजा बलि से भगवान के मांगने पर उन्हें इन्कार कर देने को कहा। दरअसल राजा बलि के भय से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान श्री विष्णु वामन अवतार में आए थे। राजा बलि ने अपने दान देने का परिचय दिया और भगवान द्वारा मांगने पर भगवान को धरती अंतरिक्ष और फिर स्वयं दे दिया। भगवान ने हाथ में धरे हुए कुशा को इस प्रकार रखा कि शुक्राचार्य की आंख फूट गई।
हालांकि शुक्राचार्य कमंडल में से छटपटाकर निकल आए। दूसरी ओर भगवान विष्णु जो वामन स्वरूप में थे उन्होंने राजा बलि से एक पग में धरती नापकर मांग ली। दूसरे पग में अंतरिक्ष मांग लिया। जब राजा बलि के पास कुछ भी देना शेष नहीं रहा तब भगवान ने अपने चरण बलि पर रख दिए और बलि के भय से देवताओं को मुक्ति मिली लेकिन इस घटना के बाद बलि के त्याग को भी महान माना जाने लगा। देवताओं से जो धन संपत्ती छिनी गई थी वह देवताओं को वापस मिल गई और इसीलिए देवताओं की जीत की स्मृति में धनतेरस का पर्व मनाया जाने लगा।