जिस्म बाजारों को रेड लाइट एरिया क्यों कहा जाता है ?
जिस्म बाजारों को रेड लाइट एरिया क्यों कहा जाता है ?
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जिस्म बाज़ारों को रेड लाइट एरिया कहा जाता है.. इस बारे में कई मान्यताएँ प्रचलित हैं. हज़ारों वर्षों से जिस्म बाज़ार का लाल रंग से रिश्ता रहा है. लाल रंग को कामुक और संवेदनशील माना जाता रहा है. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बेल्जियम और फ्रांस के कई वेश्यालयों का वर्गीकरण किया गया था. अधिकारियों के लिए वेश्यालय के सामने नीले रंग का कोई चिन्ह लगाया जाता था.

वहीं दूसरे दर्ज़े के लोगों के लिए लाल रंगों के चिन्ह प्रयोग में लाए जाते थे. लाल रंग और वेश्याओं के बीच संबंधों के एक धार्मिक किताब से भी कुछ उद्धरण मिले हैं. इसके अनुसार रहाब नाम की वेश्या अपने घर की पहचान के लिए लाल रंग की रस्सी का प्रयोग करती थी. वहां से गुजरने वाला व्यक्ति लाल रंग की रस्सी देखकर यह समझ जाता था कि यह किसी वेश्या का घर है. 

यौन-कर्मियों के स्थल यानी ज़िस्म बाज़ारों को वैधता प्रदान करने वाली पहल की सुगबुगाहट भारत में फिर से होने लगी है. इसके पक्ष और विपक्ष में लोग मज़बूत तर्क दे रहे हैं. हम आपको दिखाने जा रहे हैं भारत समेत दुनिया भर के कुछ मशहूर जिस्म बाज़ार जिससे आपके तर्कों को बल मिलेगा...

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