बैंक में पैसा जमा करके भूल गए लोग! 50,000 करोड़ रुपये का नहीं है कोई मालिक, सरकार भी हैरान
बैंक में पैसा जमा करके भूल गए लोग! 50,000 करोड़ रुपये का नहीं है कोई मालिक, सरकार भी हैरान
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भारत के बैंकों तथा बीमा कंपनियां के पास लगभग 50,000 करोड़ रुपये ऐसा पड़ा है जिसका कोई दावेदार नहीं है। ये खबर स्वयं सरकार की तरफ से संसद में दी गई है। एक अनुमान के अनुसार, बैंकों में 5,977 करोड़ रुपये की रकम तो वर्ष 2020 के चलते ही जुड़ी है। मतलब लोग बैंकों में रूपये जमा करके भूल गए तो कई नीति लेकर उसे क्लेम नहीं कर पाए।

वही लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने संसद को कहा कि 31 मार्च 2020 तक रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, देश के बैंकों में 24,356 करोड़ रुपये की रकम है जिस पर किसी ने भी दावा नहीं किया है, जबकि इंश्योरेंस कंपनियों के समीप वित्त वर्ष 2020 के आखिर तक बीमा नीतियों के बगैर दावे की रकम 24, 586 करोड़ रुपए है, जो 8।1 करोड़ एकाउंट्स में पड़ी है। वित्त राज्य मंत्री के अनुसार, रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार बैंकों में बिना दावा की गई राशि का डिपॉजिटर्स के हितों के प्रचार के लिए किया जा सकता है। 

वही औसतन प्रत्येक खाते में 3000 रुपये पड़े हुए हैं, जिसे किसी ने भी अबतक क्लेम नहीं किया है। इसमें भी सरकारी बैंकों के खाते में औसत बैलेंस 3030 रुपये है, जैसे कि एसबीआई में 2,710 रुपये जबकि औसतन 3,340 रुपये निजी बैंकों में पड़े हैं, विदेशी बैंकों में ये औसत रकम 9,250 रुपये है, जोकि 6.6 लाख खातों में बगैर दावे के पड़ी हुई है। सबसे कम राशि स्मॉल फाइनेंस बैंकों में है, ये लगभग 654 रुपये है जबकि ग्रामीण बैंकों का औसत 1600 रुपये है। बीमा के मामले में, राशि पर दावा नहीं करने की परेशानी हमेशा से रही है, क्योंकि कई पॉलिसीधारक अथवा उनके परिवार वाले बीमा कंपनियों से मैच्योरिटी की राशि क्लेम नहीं करते हैं, जिससे ये वर्षों तक बगैर क्लेम के ही पड़ी रहती है।

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