नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इस समय तीन दिवसीय अमेरिका दौरे पर हैं। इस दौरान, उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षाविदों को संबोधित किया, जहां उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई, शिव और बुद्ध जैसे विषयों पर चर्चा की। राहुल गांधी ने देवता शब्द के अर्थ को समझाते हुए कहा कि देवता कौन होता है ? देवता वह व्यक्ति होता है जिसकी अंदरूनी भावनाएं और बाहरी अभिव्यक्ति एक समान होती हैं। उन्होंने बताया कि एक पारदर्शी और साफ दिल का व्यक्ति ही देवता कहलाने योग्य है। राहुल के अनुसार, जो व्यक्ति बिना किसी डर या झिझक के अपनी सोच को खुलकर सामने रखता है, वही देवता है।
अपने संबोधन में राहुल ने ऐतिहासिक नायकों का उदाहरण देते हुए बुद्ध, भगवान राम और महात्मा गांधी को चरम विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि इन महान हस्तियों का मुख्य विचार अपनी पहचान और अहंकार को मिटाकर दूसरों को सुनने का था। राजनीति के संदर्भ में, राहुल ने कहा कि भारतीय राजनीति में नेता अपनी खुद की लालच, डर और महत्वाकांक्षाओं को पीछे छोड़ते हैं और दूसरों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उन्होंने अमेरिका और भारत के नेताओं की तुलना करते हुए कहा कि अमेरिकी नेता लोगों को एक दिशा में लेकर जाते हैं, जबकि भारतीय नेता खुद को चुनौती देते हैं। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा का भी जिक्र किया, जिसमें 4000 किलोमीटर की यात्रा के दौरान उन्हें नए दृष्टिकोण और लोगों के साथ गहरा रिश्ता बनाने का अवसर मिला।
राहुल गांधी ने शिव के विचार पर चर्चा करते हुए कहा कि शिव विनाशक के रूप में अपने अहं, संरचना और मान्यताओं का विनाश करते हैं। यही विचार भारतीय राजनीति को आगे बढ़ाने में मदद करता है। राहुल की यह बातचीत 8 सितंबर को टेक्सास विश्वविद्यालय में उनके अमेरिका दौरे के पहले दिन हुई।
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