तेज हुआ Monkeypox का कहर, चपेट में आते ही दिखने लगते हैं ये लक्षण
तेज हुआ Monkeypox का कहर, चपेट में आते ही दिखने लगते हैं ये लक्षण
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दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामलों में उछाल देखने के लिए मिल रहा है। जी हाँ और असल खतरे की घंटी यूरोप में बजी है। यहाँ पर पहली बार रिकॉर्ड संख्या में मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। अब तक यूरोप में 100 के करीब मंकीपॉक्स मरीज मिल चुके हैं और इस ट्रेंड को गंभीरता से लेते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक इमरजेंसी बैठक की है। कहा जा रहा है उस बैठक में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। बहस इस बात पर भी रही क्या मंकीपॉक्स को महामारी घोषित कर देना चाहिए। जी हाँ और आपको यह भी जानकारी दे दें कि इस समय यूरोप के कुल 9 देशों में मंकीपॉक्स ने जोरदार दस्तक दी है और इस लिस्ट में बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पॉर्चुगल, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन है।

इन सभी के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ाई है। हालाँकि इन बढ़ते मामलों के बीच एक्सपर्ट मान रहे हैं कि ये बीमारी महामारी नहीं बन पाएगी क्योंकि ये कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलती है। इससे संक्रमित होना भी आसान नहीं है। हाल ही में इस बारे में Robert Koch Institute के प्रोफेसर फैबियन का कहना है कि ऐसा मुश्किल लगता है कि ये एपिडेमिक ज्यादा लंबा खिचने वाला है। इस बीमारी के मामलों को आसानी से आइसोलेट किया जा सकता है, एक जगह पर रोका जा सकता है। वैक्सीन भी मंकीपॉक्स के असर को काफी कम कर सकती है। हालाँकि WHO के यूरोपीयन चीफ इस मंकीपॉक्स को लेकर ज्यादा ही चिंतित हैं। उनक कहना है अगर यूरोप में लोगों ने ज्यादा पार्टी अटेंड की, अगर गर्मी में वे छुट्टी मनाने गए तो इस बीमारी के ज्यादा फैलने की संभावना है।

आप सभी को जानकारी के लिए बता दें कि यूरोपीयन देशों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 7 मई को सामने आया था। वो शख्स भी नाइजीरिया से आया था। मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले अफ्रीकी देशों में पाए जा रहे हैं। जी दरअसल वहां पर साल 2017 से ही मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन चिंता वाला ट्रेंड ये है कि अब यूरोप भी इस रेस में शामिल हो गया है। कुछ समय पहले हुई रिसर्च ये बता रही है कि स्मॉलपाक्स के खिलाफ इस्तेमाल में लाए जाने वाली वैक्सीन मंकीपॉक्स के खिलाफ भी असरदार है। करीब-करीब 85 फीसदी तक उस वैक्सीन को असरदार माना गया है और अस्पताल में भी जो मरीज भर्ती हो रहे हैं, किसी भी कोई गंभीर लक्ष्ण नहीं है।

आप सभी को बता दें कि मंकीपॉक्स के लक्षण में संक्रमित होने के पांच दिन के भीतर बुखार, तेज सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं। जी हाँ और मंकीपॉक्स शुरुआत में चिकनपॉक्स, खसरा या चेचक जैसा दिखता है। हालाँकि बुखार होने के एक से तीन दिन बाद त्वचा पर इसका असर दिखना शुरू होता है। देखते ही देखते शरीर पर दाने निकल आते हैं। हाथ-पैर, हथेलियों, पैरों के तलवों और चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं। ये दाने घाव जैसे दिखते हैं और खुद सूखकर गिर जाते हैं।

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