कोविड-19 जब से आया है इसको लेकर अलग अलग तरह की बाते भी सामने आती रही है. कभी दावा किया गया कि तेज गर्मी में कोरोना प्रभाव कम होगा. तो कभी बोला गया कि अधिक आयु के लोगों को ज्यादा खतरा है. किन्तु क्या अलग-अलग ब्लड ग्रुप के लोगों पर कोविड-19 का संकट भी अलग है. साथ ही, जर्मनी और नॉर्वे के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के साथ अलग अलग ब्लड समूहों के संबंध का अध्ययन किया. इस रिसर्च में कई बातें सामने आई है. इनकी रिसर्च को ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में छापा गया है. उन्होंने इटली और स्पेन में 1,610 रोगियों की रिसर्च किया, जिनमें कोविड-19 के कारण सांस लेने का तंत्र फेल हो गया था. ये गंभीर मामले से थे जिनमें से कई की जान चली गई.
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शोध में पता कि कोविड-19 का सर्वाधिक खतरा ‘ए’ ब्लड ग्रुप वालों को है. जबकि ओ ब्लड ग्रुप वालों में कोविड-19 का खतरा सबसे कम है. अध्ययन में पता चला कि अगर कोई A ब्लड ग्रुप वाला कोरोना से संक्रमित हो जाता है, तो उसे प्राण वायु देने या वेंटिलेटर पर रखने की आवश्यकता पड़ने की संभावना ‘ओ’ ग्रुप वाले से दोगुनी होती है.
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इसके अलावा उन्होंने साफ कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं कि ओ ब्ल़ड ग्रुप वाले कोरोना संक्रमित नहीं होंगे किन्तु यह आवश्यक है कि उनको खतरा बहुत कम है. बता दें कि ओ ग्रुप वाले यूनिवर्सल डोनर भी होते हैं यानि आवश्यक पड़ने पर उनका रक्त किसी को भी चढ़ाया जा सकता है.
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