Nov 30 2017 07:22 PM
गुजरात चुनाव और उसके नतीजों को देश की राजनीती में बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है,दोनों प्रमुख दल एड़ी चोटी का जोर लगा कर रण फतह करना चाहते है,लेकिन गुजरात के मुद्दों को भाषणों में पिरोने में लगी बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही चुनाव के सिर्फ 9 दिन शेष रहते भी मैनिफेस्टो जारी नहीं कर सकी.
मतलब दो चरणों में होने वाले चुनाव जो की 9 दिसम्बर और 14 दिसम्बर को होना है इस दौरान मतदान करने वालो को आज तक ये पता नही है की दोनो पार्टिया किन मुद्दों को सुलझाने और किन रणनीतियो के तहत उनके वोट मांग रही है.चुनाव परिणाम 18 दिसम्बर को घोषित किये जायेंगे.
अलग अलग तरह से जनता को लुभाने और गुजरात की राजनीती का सिरमौर बनने की कवायद में जुटी पार्टिया शायद ये भूल ही बैठी है की मैनिफेस्टो जैसी कोई चीज भी जारी करना चुनाव आयोग की आदेशों में शामिल है. बहरहाल देर सबेर मैनिफेस्टो भी जारी कर दिया जायेगा.
विशेषज्ञों की माने तो दोनों पार्टिया एक दूसरे के मेनिफेस्टो का इंतज़ार कर रही है.क्योकि पाटीदार आरक्षण जैसे मुद्दों पर दोनों paahle एक दूसरे के विचार देखने और बाद में नया मसौदा तैयार कर अपना पलड़ा भारी करने की कोशिश में है.
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