विजय हजारे ट्रॉफी के प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले शुरू हो गए है. इसी में राजस्थान और कर्नाटक की टीमें जयपुर में आमने सामने आई है. राजस्थान ने पूर्व बैटिंग की पर उसकी शुरुआत को मानों किसी की बुरी नज़र लग चुकी है. आलम ये रहा कि कप्तान को छोड़ किसी और बल्लेबाज ने विकेट पर जमने के लिए किसी भी तरह का कोई प्रयास करने की हिम्मत भी नहीं की. राजस्थान के कप्तान दीपक हुड्डा मैदान पर कर्नाटक के गेंदबाजों से अकेले ही लोहा लेते हुए नज़र आए . ऐसा करते हुए उन्होंने मुकाबले में तेज-तर्रार शतक जड़ दिया, जिसके बूते राजस्थान की टीम कर्नाटक को एक फाइटिंग टोटल देने में कामयाब हो गई. उन्होंने अकेले ही इतने रन जड़े जितने टीम के बाकी बल्लेबाजों ने मिलकर नहीं बनाए.
टीम पर मंडराते खतरे को राजस्थान के कप्तान ने अकेले ही टालने का प्रयास किया. इस प्रयास में वो कुछ हद तक कामयाब भी हुए. हालांकि राजस्थान की टीम पूरे 50 ओवर नहीं खेल पाई और सिर्फ 41.4 ओवरों में 199 रन बनाकर ही हार गई. लेकिन इन 199 रनों में 109 रन अकेले कप्तान दीपक हुड्डा थे.
दीपक हुड्डा की शतकीय पारी में 5 छक्के, 9 चौके: हम बता दें कि दीपक हुड्डा ने ये रन 109 गेंदों का सामना करते हुए जड़े. उन्होंने 100 की स्ट्राइक रेट से खेली अपनी इनिंग में 5 छक्के और 9 चौके भी जड़े. ये लिस्ट ए में दीपक हुड्डा का चौथा शतक था. राजस्थान की ओर से कप्तान दीपक हुड्डा के शतक के अतिरिक्त दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज समर्पित जोशी रहे, जिन्होंने 33 रन बना चुके है. वहीं 8वें नंबर के बल्लेबाज रवि बिश्नोई 17 रन बनाकर तीसरे सर्वोच्च स्कोर था. टीम के 8 बल्लेबाज मुकाबले में सिंगल डिजीट पर ही आउट हो गए. जिसमे 2 के लिए खाता खोलना भी दुभर था. कर्नाटक की ओर से विजय कुमार ने सबसे अधिक 4 विकेट लिए जबकि के. गौतम ने 2 विकेट चटकाए. कर्नाटक के विरुद्ध शतक ठोकने के बाद दीपक हुड्डा के मौजूदा विजय हजारे ट्रॉफी में अब 6 मैचों के उपरांत 198 रन हो गए हैं. इसमें 109 रन उनका बेस्ट स्कोर है. इस दौरान उन्होंने 16 चौके और 8 छक्के भी जड़ दिए.
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