कब है गुरु प्रदोष? जानिए इसका महत्व
कब है गुरु प्रदोष? जानिए इसका महत्व
Share:

प्रदोष व्रत को शास्त्रों में बहुत उत्तम व्रतों में से एक माना गया है। ये व्रत शिव जी को समर्पित है तथा प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष तथा शुक्ल पक्ष दोनों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। दिन के अनुसार प्रदोष व्रत की अहमियत भी अलग अलग होती है। मार्गशीर्ष माह का कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 2 दिसंबर बृहस्पतिवार के दिन रखा जाएगा।

बृहस्पतिवार के दिन ये व्रत पड़ने की वजह से इसे गुरु प्रदोष कहा जाता है। प्रदोष व्रत शिव जी को अति प्रिय है। परम्परा है कि इस व्रत को करने से महादेव प्रसन्न होते हैं व सभी समस्याओं को दूर करते हैं। शास्त्रों में प्रदोष व्रत को दो गायों के दान करने के समान पुण्यदायी बताया गया है। इस व्रत में महादेव पूजा हमेशा प्रदोष काल में कही जाती है। यहां जानिए इस व्रत का महत्व।।।

ये है महत्व:-
शास्त्रों में प्रदोष व्रत को लेकर बताया गया है कि इस दिन महादेव की आराधना करने से सभी पापों का नाश होता है तथा भक्त को मृत्यु के पश्चात् मोक्ष की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि ये व्रत भक्त के भाग्य को जगाने वाला है। इस व्रत को रखने से कुंडली में चंद्र की स्थिति भी मजबूत होती है। इससे मनुष्य की मानसिक स्थिति बेहतर होती है।

इन प्रभावी मंत्रों का जाप कर मां लक्ष्मी को करे प्रसन्न

पाकिस्तानी पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया

इन राशियों के लिए नए अवसर लेकर आएगा 'नव वर्ष 2022', चमक उठेगी किस्मत

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -