जाने कब होती है भावनात्मक असुरक्षा
जाने कब होती है भावनात्मक असुरक्षा
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कई बार व्यक्ति अच्छा होता है किन्तु उसमे मौजूद भावनात्मक असुरक्षा होने के कारण वह गलत तरीके से व्यवहार करने लगता है. कई बार ऐसा होता है कि भावनात्मक जुड़ाव अधिक होने से भावनात्मक असुरक्षा पनपने लगती है. कई बार भावनात्मक असुरक्षा से पीड़ित होने की स्थिति भावनात्मक शोषण को भी जन्म देती है. इसलिए भावनात्मक शोषण से निपटने के लिए मानसिक-भावनात्म‍क और व्यावहारिक तैयारी कर ले.

अकेलापन भावनात्मक असुरक्षा का सबसे बड़ा लक्षण कह सकते है. अगर कोई व्यक्ति अपनों के साथ होते हुए भी अकेलापन महसूस करें तो उसमे असुरक्षा की भावना पनपने लगती है. किसी वजह से व्यवहार में चिड़चिड़ापन आने से भी भावनात्मक रिश्ते प्रभावित होते है. कभी-कभी अपने पार्टनर को खोने के डर से भी खतरा बना रहता है. ऐसी स्थिति में भावनात्मक रूप से परेशान हो जाते है.

कई बार ऐसा भी होता है कि पार्टनर के सही तरह से प्रतिक्रिया न देने के कारण भी साथी भावनात्मक रूप से परेशान होना स्वाभाविक है. केयरलैस होने के कारण भी भावनात्मक असुरक्षा के लक्षण दिखाई देते है. भावनात्मक असुरक्षा महसूस होने पर व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर संवेदनशील होकर रोने लगता है.

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