राहत इंदौरी साहब की कलम से
राहत इंदौरी साहब की कलम से
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1. ऐसा लगता है लहू में हमको, कलम को भी डुबाना चाहिए था,
अब मेरे साथ रह के तंज़ ना कर, तुझे जाना था जाना चाहिए था.


2. मुझसे पहले वो किसी और की थी, मगर कुछ शायराना चाहिए था,
चलो माना ये छोटी बात है, पर तुम्हें सब कुछ बताना चाहिए था.

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