क्या है अल्पसंख्यक की परिभाषा ? सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से मांगे सुझाव
क्या है अल्पसंख्यक की परिभाषा ? सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से मांगे सुझाव
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नई दिल्ली: देश में अल्पसंख्यक की नई परिभाषा निर्धारित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता से पेटिशन की कॉपी अटॉर्नी जनरल को देने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल से सुझाव भी मांगे हैं, अब इस मामले में चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी. यह याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दाखिल की है. 

याचिकाकर्ता ने अल्पसंख्यक आयोग को 17 नवंबर 2017 को ज्ञापन सौंपा था और मांग की थी कि पांच समुदायों को अल्पसंख्यक घोषित करने की 1993 की अधिसूचना ख़ारिज की जाए. इसके साथ ही अल्पसंख्यक की परिभाषा और पहचान निर्धारित करने के साथ ही जिन प्रदेशों में हिन्दुओं की तादाद बहुत कम है वहां हिन्दुओं को अल्पसंख्यक घोषित किए जाने की मांग भी की थी. शीर्ष अदालत ने आयोग को 3 माह के भीतर उस ज्ञापन पर फैसला लेने के लिए कहा था. 

उपाध्याय ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर अदालत से अल्पसंख्यक की परिभाषा और पहचान निर्धारित करने की मांग की थी. आपको बता दें कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 के तहत उन लोगों के लिए कुछ पृथक से प्रावधान किया गया है जो भाषा और धर्म के आधार पर अल्पसंख्यक माने जाते हैं. किन्तु 'अल्पसंख्यक' की सटीक व्याख्या और परिभाषा नहीं होने के कारण इसका बड़े स्तर पर दुरुपयोग हो रहा है.

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