आखिर क्या है 'इस्लाम'
आखिर क्या है 'इस्लाम'
Share:

इस्लाम एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है 'शांति ', 'सुरक्षा', और 'समर्पण'। वहीं मुस्लिम शब्द का आशय 'शांति पूर्वक ख़ुदा के क़दमों में समर्पण करना' है। कोई भी किसी भी जात-पात से संबंध रखने वाला 'मुस्लिम' हो सकता है। मुस्लिम किसी एक जात-पात का नाम नहीं बल्कि एक ऐसे शब्द से है जिसका आशय 'खुदा के क़दमों में समर्पण' है ।

मुस्लिम वो है जो सब कुछ, मालिक के कदमों पे न्यौछावर कर दे। मुस्लिम ज़िंदगी का वो रास्ता है जो हर पहलुओं से होकर गुज़रता है। जैसे: नैतिकता, भक्ति, सामाजिक, अर्थिकता और बुद्धिमत्ता। आज पूरे विश्व में करीबन 1.5 खरब मुस्लिम निवासी हैं। जो की करीब करीब विश्व की सम्पूर्ण जनसंख्या का पांचवा हिस्सा है। वहीं इस्लाम किसी एक देश, रंग या वंश से कहीं आगे है, इस्लाम विश्वव्यापी है, पूरे विश्व में समाया है।

इस्लाम दुनिया का सबसे जल्दी बढ़ने वाला धर्म है, इस्लाम को मानने वालों का जन्म ज़रूर ही अरब में हुआ था मगर 80% मुस्लिम आज भी अरब देश से बाहर रहते हैं। करीबन 600 साल पहले स्पेन में इस्लाम को स्थापित किया गया था जिससे की वहाँ काफी शांति और सुदृढ़ता आई। स्पेन की ज़मीन में आज भी कई ऐसे मस्जिद और इमारतें है जो की बेहतरीन आर्किटैक्चर का विश्व में उदाहरण हैं।

पैगंबर मुहम्मद के अनुसार 'दुनिया में किसी भी रोग को अल्लाह ने नहीं बनाया है बल्कि उन्होनें सिर्फ उपचार बनाए हैं'। कुरान में लिखी कई भविष्यवाणियाँ अब तक सच होती आई हैं। मक्का, मदीना और यरुशलम/जेरुसलेम ये तीन इस्लाम के बहुत ही पवित्र शहर हैं। कहा जाता है यरुशलम/जेरुसलेम ही वह ज़मीं है जहां से मुहम्मद जन्नत के लिए रुखसत हुए थे। कुरान का करीबन एक तिहाई हिस्सा मुहम्मद, जीसस, मोसेस, मेरी आदि का ज़िक्र करता है। कुरान को अब तक की सबसे ज़्यादा याद किए जाने वाली किताब माना जाता है। आज भी ऐसे कई मुस्लिम है जिनकी ज़बान अरबी नहीं है फिर भी उन्हें पूरी की पूरी की कुरान मुँह ज़बानी याद है। पैगंबर मुहम्मद के अनुसार करीबन 124,000 पैगंबर धरती पर खुदा के द्वारा भेजे गए थे जिसमें से केवल 25 पैगंबर का पवित्र कुरान में ज़िक्र किया गया है। पैगंबर मुहम्मद का पूरी कुरान में 4 बार नाम सहित ज़िक्र किया गया है, वहीं प्रभु यीशु का 25 बार ज़िक्र किया गया है। कुरान को ज्ञान का भंडार माना जाता है। कई ख्यात वैज्ञानिक भी इसी किताब के सहारे नयी-नयी शोधों को पूरा करने में सफल हुए हैं।

कुरान माता-पिता को आदर देने पर काफी ज़ोर देता है, पैगंबर मुहम्मद ने खुद कहा है की 'जन्नत अगर कहीं है तो वो सिर्फ माँ के कदमों तले है' उन्होने यह भी कहा की किसी के भी माँ-पिता का आदर करना खुदा का सबसे पसंदीदा कर्म है। इस्लाम के पांच बुनियादी अरकान बताए गए हैं। कलिमा-ए-तयैबा, नमाज, रोजा, जकाम और हज।

इस्लाम हमें हमारे आस-पास रह रहे हर इंसान के साथ मिलजुल कर रहने को कहता है, अब चाहे वो आपके एक घर छोड़ कर रहने वाला पड़ोसी हो या 40 घर छोड़ कर रहने वाला इंसान। माना जाता है की कुरान खुदा के हाथों लिखी गयी थी, जिसे पैगंबर हज़रत मुहम्मद के जरिये इस दुनिया तक पहुंचाया गया।

निशांत सिंह

Tags:
Share:
रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -