क्यों होता है मधुमेह, जानिए लक्षण, क्या खाएं-क्या नहीं और घरेलू नुस्खे
क्यों होता है मधुमेह, जानिए लक्षण, क्या खाएं-क्या नहीं और घरेलू नुस्खे
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आजकल बिगड़ती हुई लाइफ स्टाइल के चलते लोगों को कई बीमरियां अपनी जकड़ में ले रही है। कमजोर दिल के साथ आज व्यक्ति हाई बीपी का शिकार हो रहा है, हार्ट अटैक का शिकार हो रहा है और मधुमेह का रोगी बन रहा है। आज हम बात करेंगे मधुमेह के बारे में। जी दरअसल आज के समय में मधुमेह होना बहुत आम बात है। आजकल केवल बड़ी उम्र के लोगों को ही नहीं बल्कि युवा और बच्‍चे भी इस बीमारी की चपेट में आसानी से आ रहे हैं। आपको पहले तो हम यह बता दें कि यह एक ऐसा खतरनाक रोग है, जो शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देता है। अगर एक बार यह गंभीर बीमारी हो जाए तो उसके बाद यह आपका साथ जीवनभर देती है लेकिन आप खुद का ध्यान रखकर इससे काफी हद तक बच सकते हैं या फिर इसे संतुलित रख सकते हैं। जी दरअसल ब्‍लड शुगर बढ़ने से यह बीमारी होती है और इंसुलिन सही तरीके से काम नहीं करता है। वहीं इसको नजरअंदाज करने से शरीर के दूसरे अंग निष्क्रिय हो सकते हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं मधुमेह कैसे होती है, मधुमेह के कारण क्‍या है, मधुमेह के लक्षण क्या हैं, इससे कैसे बचा जा सकता है, क्या खा सकते हैं-क्या नहीं और कौन से योगा कर सकते हैं?

मधुमेह कैसे होती है - आप सभी को बता दें कि जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो उस समय खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति आने को ही मधुमेह का नाम दिया जाता है। आपको बता दें कि इंसुलिन एक हार्मोन है और यह पाचक ग्रंथि के द्वारा बनता है। वहीं इसके कार्य के बारे में बात करें तो यह शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का काम करता है। जी हाँ और यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। आपको बता दें कि मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है और ऐसी इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। आप सभी को बता दें कि इस रोग की चपेट में महिलाएं कम आती हैं लेकिन पुरुष अधिक आ जाते हैं। वैसे मधुमेह ज्यादातर वंशानुगत और जीवनशैली बिगड़ने के चलते हो जाता है। इस सूची में वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले मधुमेह को टाइप-2 कहा जाता है। आपको बता दें कि पहली श्रेणी के अंतर्गत वह लोग आते हैं जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को मधुमेह हो तो परिवार के सदस्यों को यह बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। वहीं अगर आप शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, अनियमित खानपान है और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो मधुमेह आपको जल्द आपकी जकड़ में ले लेता है। 


मधुमेह के लक्षण-

गला सूखना या बार-बार प्यास लगना
वज़न का अचानक से ज़्यादा बढ़ना या कम होना
बार-बार पेशाब का आना
आँखों की रोशनी कम होना
कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना
चक्कर आना
चिड़चिड़ापन
थकान
सिर दर्द
भूख का बढ़ना 
बेचैनी
कपकपी 
पसीना आना
बेहोशी 
दौरा पड़ सकता
व्यवहारिक बदलाव
लगातार शरीर में दर्द की शिकायत होना
किडनी ख़राब होना


मधुमेह होने पर क्या खाएं-

फल खाएं- अगर आप मधुमेह हो गया है तो अपने खान-पान पर ध्यान दें। मधुमेह होने पर आप अपने खाने वाले फल में आंवला, पपीता, खरबूजा, अमरूद, जामुन, नींबू और संतरा शामिल कर सकते है। इसके आलावा ध्यान रखे कि हर दिन कम से कम 100 से 150 ग्राम फल अवश्य खाएं।

सब्जियां खाएं- अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो सब्जियों में भिंडी, खीरा, शिमला मिर्च, गाजर, ब्रोकोली, शलगम, ककड़ी, कद्दू, सरसों का साग, बंदगोभी, फूलगोभी, मूली, टमाटर और करेला शामिल कर सकते है। यह आपके लिए सबसे बेहतरीन सब्जियां हैं और आप चाहे तो आप इनके इलावा मेथी, पालक व अन्य हरी सब्जियां भी खा सकते हैं। 

डेयरी प्रोडक्ट – अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो सब्जियों और फलों के अलावा कम फैट वाला दूध, दही या सीमित मात्रा में चीज़ का सेवन कर सकते हैं। इसकी सलाह डॉक्टर्स के द्वारा दी जाती है और खासकर के मधुमेह में दही और दूध फायदेमंद साबित हो सकता है, हालाँकि आपको इसको सीमित मात्रा में ही खाना है। अगर देखा जाए तो दही के साथ मधुमेह रोगियों के लिए आहार में दूध भी बेहतरीन हो सकता है लेकिन ध्यान रहे किसी भी चीज का ज्यादा सेवन नहीं करना है। 

नॉनवेज खाएं- प्रोटीन का सेवन आपके लिए फायदेमंद है और इसके लिए अंडे, मछली को भी आप अपने खाने में जरूर से जरूर शामिल करें, क्योंकि यह आपको सेहतमंद रखने में मदद कर सकते हैं। 


इन सभी के अलावा आपको अनाज, ओट्स, ब्राउन राइस, बीन्स और दाल, बादाम, अखरोट, पिस्ता, चिया सीड्स, कद्दू के बीज और अलसी के बीज, जैतून का तेल, तिल का तेल का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि यह आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकते हैं। 


क्या नहीं खाना चाहिए-  


किशमिश- अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो आपको ड्रायफ्रूट्स खाने चाहिए लेकिन किशमिश को छोड़ दें। जी हाँ, आपको इसे खाने से परहेज करना चाहिए। जी दरअसल किशमिश मीठी होती है और अगर आप इसका सेवन करते हैं तो इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इस वजह से मधुमेह के मरीजों को किशमिश नहीं खाना चाहिए।

चीकू- अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो फल खा सकते हैं लेकिन चीकू नहीं। आपको चीकू खाने से परहेज करना जरुरी है। जी दरअसल चीकू एक ऐसा दाल है जो खाने में सबसे अधिक मीठा होता है, केवल यही नहीं बल्कि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी ज्यादा बढ़ा हुआ होता है। इस वजह से मधुमेह के रोगियों के लिए यह सही नहीं है। वहीं चीकू के अलावा केला, सेब, आम, लीची और अंगूर भी कम खाएं। 

व्हाइट ब्रेड और फुल फैट मिल्क - मधुमेह के मरीज हैं तो आपको व्हाइट ब्रेड तो गलती से भी नहीं खाना चाहिए। जिस खाने में स्टार्च ज्यादा हो वो खाना भी आपको छोड़ देना चाहिए। इस लिस्ट में सफेद ब्रेड, मैदा, पास्ता और दूसरी स्टार्च वाली चीजें शामिल हैं जो आपको नुकसान से सकती हैं। इसके अलावा आपको फुल फैट मिल्क नहीं पीना चाहिए। जी दरअसल ज्यादा फैट से इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है। ध्यान रखे कि आप इसकी जगह आप लो फैट दूध पीने की कोशिश करें।


आलू- अगर आप मधुमेह के रोगी है तो आलू खाना कम कर दें या फिर बंद कर दें। जी दरअसल ज्यादा आलू खाना शुगर पेशेंट्स के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आपको बता दें कि आलू में हाई कार्बोहाइड्रेट होता है और इसी के साथ ही इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा भी बहुत होती है। ऐसे में आलू खाने से ब्लड शुगर बढ़ सकता है। इसके अलावा अरबी और शकारगंदी भी ना खाएं। 


मीठा ना खाएं- मीठा खाना कम करते हुए छोड़ दें। मधुमेह के रोगियों को मीठे से परहेज करना चाहिए। चॉकलेट, मिठाइयां, पेस्ट्री, केक व आइस्क्रीम खाना भूल जाएं और अगर खानी है तो शुगर फ्री खाएं। 

कोल्ड ड्रिंक्स, शरबत- अगर आप इन दोनों चीजों के शौकीन हैं तो इन्हे भी भूल जाएं। इसके अलावा आप मुरब्बा और चीनी युक्त पेय पदार्थों से भी दूर रहना शुरू कर दें। 

नारियल का तेल और घी- अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो इन दोनों चीज को भी कम करते हुए छोड़ दें क्योंकि यह भी आपको गंभीर और बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं।


मधुमेह से बचने के घरेलू नुस्खे- 

जामुन के बीज- अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो जामुन के बीजों को उपयोग में ले सकते हैं। इसको उपयोग में लेने के लिए जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लें और उसके बाद इसका चूर्ण बना लें। उसके बाद इसे सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें। ऐसा करने से आपको मधुमेह कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। 

अंजीर के पत्ते- अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो अंजीर के पत्तों को खाली पेट चबा सकते हैं या फिर आप चाहे तो इन पत्तों को पानी में उबाल कर पी सकते हैं क्योंकि इससे भी आपको मधुमेह कंट्रोल रहता है।

मेथी- मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी बेहतरीन हो सकती है। जी दरअसल मेथी के बीज सबसे अधिक लाभदायक है और इनको खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। इन्हे खाने के लिए आप एक चम्मच मेथी के बीज को रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें और उसके बाद सुबह खाली पेट बीज समेत पानी को पी लें। ध्यान रहे इसके बाद करीब आधे घंटे तक कोई दूसरी चीज नहीं खानी है। 

लहसुन और दालचीनी- लहसुन का इस्तेमाल करने के लिए आप इसकी 2-3 कलियों को रातभर पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट इन्हें चबाकर खा लें। ऐसे करने से आपको फायदा पहुंचेगा। इसके अलावा आप दालचीनी की भी मदद ले सकते हैं। इसके लिए आप रोज आधा चम्मच दालचीनी पाउडर का सेवन करें। ऐसा करने से आपको बड़ा फायदा होगा। 

एलोवेरा और आंवला- मधुमेह के रोगियों के लिए ये दोनों बेहतरीन है। आप एलोवेरा जूस पी सकते हैं क्योंकि इको पीने से रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। जी दरअसल एलोवेरा में हाइड्रोफिलिक फाइबर, ग्लूकोमानन और फाइटोस्टेरॉल जैसे तत्व होते हैं जिससे ब्लड शुगर कम रहता है। बात करें आंवला के बारे में तो यह भी मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है। आंवला खाने के 30 मिनट में ब्लड शुगर लेवल कम किया जा सकता है।

नीम के पत्ते और तुलसी के पत्ते- नीम के पत्ते चबाने और रस पीने से मधुमेह को कंट्रोल कर सकते हैं। जी दरअसल नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं और तुलसी की पत्त‍ियों के बारे में बात करें तो इनमे एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले सेल्स इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाती हैं और सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाने से आपको लाभ होगा। वैसे आप चाहे तो आप तुलसी का रस भी पी सकते हैं।

ग्रीन टी पी सकते हैं- ग्रीन टी में उच्च मात्रा में पॉलीफिनॉल पाया जाता है। जी हाँ और यह एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। आप सुबह-शाम दो समय ग्रीन टी पी सकते हैं।  

सहजन की पत्त‍ियों का रस और गेहूं के जवारे- आप चाहे तो मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए सहजन की पत्त‍ियों का रस का सेवन कर सकते है। इसके लिए आप पत्त‍ियों को पीसकर उसे निचोड़ ले और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। ऐसा करने से शुगर लेवल बढ़ेगा नहीं। इसके अलावा आप गेहूं के पौधों को इस्तेमाल कर सकते हैं। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी जड़ से मिटा देता है और इसका रस मनुष्य के रक्त से चालीस फीसदी मेल खाता है। आप रोज सुबह-शाम इसका सेवन आधा कप की मात्रा में कर सकते हैं। 

अन्य उपचार- आप नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस, केले के पत्ते का रस चार चम्मच सुबह-शाम ले सकते हैं और आंवले का रस चार चम्मच, गुडमार की पत्ती का काढ़ा सुबह-शाम ले सकते हैं। यह दोनों मधुमेह नियंत्रण के लिए रामबाण घरेलू नुस्खे है।

मधुमेह कम करने के लिए योग-

वक्रासन- यह आसन आंतरिक अंगों की मालिश करने में मदद करता है। इसी के साथ मधुमेह रोगियों में बेहतर इंसुलिन उत्पादन की सुविधा प्रदान कर सकता है।

सुप्‍त मत्स्येन्द्रासन- इस आसन से आंतरिक अंगों की मालिश होती है और पेट के अंगों पर दबाव पड़ता है, जिससे पैनक्रियाज और एंडोक्राइन सिस्टम बेहतर होता है।

सूर्य नमस्कार- सूर्य नमस्कार, मधुमेह के प्रबंधन में सबसे अधिक उपयोगी होता है और इसके कई अन्य भी लाभ हैं। 

धनुरासन- धनुरासन पैंक्रियाज को सक्रिय कर देता है। इसी के साथ शरीर में ब्लड शुगर कंट्रोल करने वाले इंसुलिन हॉर्मोन पैंक्रियाज ही उत्पादित करता है। जी हाँ और धनुरासन पेट के सभी अंगों को मजबूत बना देता है और इसी के साथ तनाव से भी राहत देता है।

कपालभाति प्राणायाम - कपालभाति प्राणायाम मधुमेह रोगियों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। जी हाँ, यह आसन आपके शरीर की तंत्र-तंत्रिकाओं और दिमाग की नसों को मजबूती देता है। इसके अलावा यह शरीर में ऊर्जा भी देता है।

अर्धमत्स्येन्द्रासन- मधुमेह रोगियों को अर्धमत्स्येन्द्रासन (Yoga to control Diabetes) करना चाहिए। इससे पेट के अंगों की मालिश होने के साथ रीढ़ की हड्डी भी मजबूत बनती है।

पश्चिमोत्तानासन -हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए पश्चिमोत्तानासन करना चाहिए। 

शवासन- कोई भी मधुमेह रोगी (tips to control diabetes) इस आसन को आसानी से कर सकता है।

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