CAA विरोधी प्रदर्शन और दिल्ली दंगों पर बनी फोटो बुक को लेकर क्या बोला दानिश सिद्दीक़ी का परिवार ?
CAA विरोधी प्रदर्शन और दिल्ली दंगों पर बनी फोटो बुक को लेकर क्या बोला दानिश सिद्दीक़ी का परिवार ?
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नई दिल्ली: अफगानिस्तान में आतंकी संगठन Taliban द्वारा बेरहमी से क़त्ल कर दिए गए रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी के परिजनों ने मंगलवार को एक बयान जारी किया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘हम देखेंगे’ नाम की एक फोटो बुक के लेखकों ने इंटरव्यू में अपने कथित दावों और प्रोजेक्ट में मेरे बेटे दानिश सिद्दीकी का नाम जोड़ा है, इसके लिए उन्होंने हमसे इजाजत भी नहीं माँगी। दरअसल, ‘हम देखेंगे’ फोटो बुक में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शन और हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। पत्रकार के परिजनों ने कहा कि ‘हम देखेंगे’ फोटो बुक के लिए दानिश ने अपने सुझाव दिए यह कहना उनके प्रोफेशनल एथिक्स और विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।

बता दें कि गत वर्ष मोहम्मद मेहरबान और आसिफ मुज्तबा की ‘हम देखेंगे’ शीर्षक वाली फोटो बुक में 12 दिसंबर, 2019 से 22 मार्च, 2020 तक की घटनाओं की फोटोज शामिल हैं। मेहरबान ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से ग्रेजुएशन किया था और मुज्तबा शाहीन बाग धरना प्रदर्शन में शामिल थे। उन्होंने इस बुक को अपने गुरु दानिश सिद्दीकी को समर्पित करते हुए कहा था कि यह दिवंगत फोटो पत्रकार की सोच थी। इस बुक में कुल 223 फोटो शामिल हैं, जो 28 फोटोग्राफरों द्वारा खींची गई हैं। दानिश के पिता अख्तर सिद्दीकी ने कहा कि, 'बुक के लेखकों ने इसे रॉयटर्स फोटो जर्नलिस्ट दिवंगत दानिश सिद्दीकी को समर्पित किया है, जिनकी 2021 में अफगानिस्तान में एक असाइनमेंट के दौरान हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा, इंटरव्यू के दौरान, लेखकों ने यह भी दावा किया है कि यह बुक दानिश की सोच थी।' अब दानिश के परिजनों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने प्रोजेक्ट के साथ दानिश का नाम जोड़ा, जो सरासर गलत है।

दानिश के पिता ने कहा कि, 'हम यह भी बताना चाहते हैं कि मेरे बेटे दानिश ने एक पत्रकार के तौर पर अपने जीवन और करियर के दौरान प्रेस की स्वतंत्रता और अखंडता को बरक़रार रखा। उसने कभी भी अपनी सीमा से बाहर जाने का प्रयास नहीं किया। उसने शाहीन बाग आंदोलन को पूरी निष्पक्षता और तटस्थता के साथ कवर किया था। उसे इस प्रकार से झूठा दिखाकर उसकी पेशेवर नैतिकता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हम पहले से ही दुखी हैं, मगर लेखकों ने ऐसा करके हमें और आहत किया है।' बता दें कि दानिश सिद्दीकी रॉयटर्स समाचार एजेंसी से जुड़े फोटो जर्नलिस्ट थे और अपने असाइनमेंट की वजह से अफगानिस्तान के युद्ध वाले क्षेत्र में गए थे। 16 जुलाई 2021 को खबर आई कि तालिबानियों ने उनकी हत्या कर दी। हालाँकि, उस दौरान रवीश कुमार जैसे मीडिया पर्सन, आतंकी संगठन तालिबान को दोषी न बताकर उन गोलियों को लानतें भेजते रहे, जो दानिश के सीने में लगी थी।

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