इंसान से काफी ज्यादा एडवांस है इन जानवरों की नाक
इंसान से काफी ज्यादा एडवांस है इन जानवरों की नाक
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प्राणी जगत में नाक खूबसूरती की पहचान है तो वहीं इसका इस्तेमाल कभी अद्भुत है. इंसान में ही नहीं बल्कि अन्य जीवों में भी नाक को अपनी शान मन जाता है. नाक का इस्तेमाल साँस लेने और गंध को पहचाने में होता है. यह शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील अंग होता होता है. भावनात्मक स्तर पर इस बात पर बहस होती रही है कि किसकी नाक सबसे एडवांस है. आइये जानते हैं ऐसी ही कुछ जीवों की नाकों के बारे में...

चमचमाती नाक

मैंडरिल नाम की प्रजाति के बंदरों की नाक काफी अनोखी होती है. इनके शरीर का ऊपरी हिस्सा सबसे उजाला होता. इस प्रति के नर बंदरों की नाक अन्य बंदरों की तुलना में काफी अनोखी होती है. इनकी नाक काफी चमकदार होती है. जब इन बंदरों को गुस्सा आता है तो इनकी नाक के नीले हिस्से की चमक और भी बढ़ जाती है.

 

ऑल-राउंडर नाक

हाथी सूंड दुनिया में सबसे अनोखी नाक है. ये अपनी सूंड का इस्तेमाल गंध को पहचानने, दुश्मन को पटखनी देने के लिये और स्नॉर्कल के लिये करते हैं. हाथी की सूंड इसकी नाक और होंठ का मिश्रण होता है.

छोटी सूंड नाक
शरीर से काफी दूर नाक वाले इस जीव एलिफैंट सील कहा जाता है. यह नाक का उभार आपको हाथी की सूंड याद दिला सकता है. यह जानवर पूर्वी प्रशांत महासागर के तट पर पाया जाता है. इन जानवरों में सेक्स के लिए इस नाक का अहम् रोल होता है. सेक्स में नर एलिफेंट के लिए इनकी नाक काफी अहम् भूमिका अदा करती है.

डंक मारने वाली नाक
ट्रिगरफिश नाम की इस मछली का पसंदीदा भोजन समुद्रीय जीव उरकिन है. उरकिन को पकड़ने के लिए यह मछलियां अपनी लंबी नाक का इस्तेमाल करती हैं. लजीज उरकिन का शिकार करने के लिये ये मछली पानी में डंक मरती है .

दूर भागती नाक
लम्बी नाम वाला यह जानवर एंटईटर है पर जानकर हैरानी होगी की इसके शरीर में नाक की तरह नजर आने वाला ये हिस्सा असल में थूथन है. असली नाक इसकी नोंक पर हैं. यह जानवर 90 सेंटीमीटर लंबी जीभ निकाल कर उसे तपाक से पकड़ लेता है.

प्लग-सॉकेट जैसी नाक


प्लग-सॉकेट की तरह दिखने वाली सुअर की नाक बदसूरत लग सकती है पर जानकर हैरानी होगी कि इनकी नाक काफी संवेदनशील होती है. यह अपनों  मिट्टी से 50 सेंमी गहरी चीजों को भी महसूस कर सकते हैं. एक तथ्य और बता दें की सूंघने की क्षमता कुत्तों के मुकाबले सुअरों में अधिक होती है.

कमजोर नाक


कुत्तों की पग प्रजाति में नाक काफी कमजोर होती है. इन्हें श्वसन की समस्या होती है. इनके श्वसन अंग अत्यधिक संकुचित हैं जो इनकी बीमारी का कारण बनती है. ज्यादातर पग कुत्तों की मौत श्वसन की समस्या से होती है.

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