साप्ताहिक समीक्षा : बाजार में नजर आई एक फीसदी से अधिक तेजी
साप्ताहिक समीक्षा : बाजार में नजर आई एक फीसदी से अधिक तेजी
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मुंबई : देश के शेयर बाजार में पिछले संक्षिप्त सप्ताह में एक फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.25 फीसदी यानी 319.49 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 25,838.71 पर बंद हुआ। बाजार शुक्रवार 25 दिसंबर को क्रिसमस के अवसर पर बंद था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.28 फीसदी यानी 99.1 अंकों की तेजी के साथ 7,861.05 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 28 में तेजी रही।

गेल (6.54 फीसदी), भारती एयरटेल (6.03 फीसदी), ओएनजीसी (4.79 फीसदी), एक्सिस बैंक (4.23 फीसदी) और भेल (3.39 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स के दो शेयरों अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (0.67 फीसदी) और मारुति (0.56 फीसदी) में गिरावट रही। गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 0.91 फीसदी या 98.92 अंकों की तेजी के साथ 11,018.17 पर और स्मॉलकैप 1.72 फीसदी या 198.73 अंकों की तेजी के साथ 11,730.59 पर बंद हुआ। मंगलवार 22 दिसम्बर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक आंकड़े के मुताबिक देश का चालू खाता घाटा (सीएडी) मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.6 फीसदी यानी 8.2 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 10.9 अरब डॉलर था।

रिजर्व बैंक ने दूसरी तिमाही के लिए भुगतान संतुलन के आंकड़े जारी करते हुए कहा, "चालू खाता घाटा कम रहने का प्रमुख कारण यह है कि व्यापार घाटा गत एक साल में 39.7 अरब डॉलर से घटकर 37.4 अरब डॉलर दर्ज किया गया।" चालू खाता घाटा हालांकि प्रथम तिमाही में जीडीपी का 1.2 फीसदी था। बुधवार 23 दिसम्बर को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्शी संहिता विधेयक संसद की एक संयुक्त प्रवर समिति के हवाले कर दिया गया। समिति अगले वर्ष बजट सत्र के प्रथम सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रपट सौंपेगी। विधेयक में दिवालिया घोषित किए जाने की प्रक्रिया में लगने वाली अवधि कम करने और कंपनियों को दिए गए कर्ज की बेहतर वसूली सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है।

विधेयक के तहत प्रक्रिया में लगने वाली अवधि को 180 दिनों में सीमित करने का प्रस्ताव है, जिसे अतिरिक्त 90 दिनों के लिए बढ़ाया जा सकेगा। बुधवार को ही भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कहा कि सभी बीमा कंपनियों को अगले साल 18 जनवरी तक भारतीय स्वामित्व और भारतीय नियंत्रण की शर्तो पर खरा उतरना होगा। इरडा के वित्त और निवेश सदस्य वी.आर. अय्यर ने बुधवार को बीमा कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा कि कंपनियों का इस तिथि तक अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।

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