वाराणसी: ज्ञानवापी विवादित ढांचे का सर्वे कल पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष ने वहां वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया है। इस पर मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि फव्वारे को शिवलिंग बताकर पूरे देश को भ्रमित किया जा रहा है। इस पर मंगलवार को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि फव्वारे और शिवलिंग के बीच का फर्क हमें पता है।
उन्होंने कहा है कि अगर फव्वारा होगा, तो नीचे पूरा सिस्टम होगा पानी के निकलने का, किन्तु जिस तरह से उसका शिवलिंग का आकार है। उसमें कुछ डंडियां डाली गई थीं पर वो अधिक अंदर तक गई नहीं, तो शिवलिंग खंडित हुआ या नहीं यह तो मैं अभी बहुत पुख्ता तौर पर नहीं बता सकता, किन्तु मेरी और हिंदू पक्ष की नजर में वो एक शिवलिंग है। अभी मैं अधिकारिक तौर इतना कह सकता हूं कि वहां पर एक शिवलिंग मिला और आगे जब अदालत के सामने कोर्ट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे तो उसमें आगे बहस होगी। आज अगर एडवोकेट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे, तो हम अदालत से आग्रह करेंगे कि उसकी एक कॉपी हमें दी जाए। विष्णु जैन ने कहा कि आज सर्वोच्च न्यायालय में जिस मामले की सुनवाई है, वो पहले ही अप्रासंगिक हो चुका है। जब मुस्लिम पक्ष सर्वेक्षण का हिस्सा बन चुके हैं तब वे इसे कैसे चुनौती दे सकते हैं। सर्वे का काम पूरा हो चुका है।
विष्णु जैन ने दावा करते हुए कहा कि वजूखाने के बीचों बीच हमने कुएं जैसी दीवार देखी। तब मैने वजूखाने के पानी को कम कराने का आग्रह किया। पानी कम कराने के बाद जब हमने जाकर वहां देखा तो बहुत बड़ा शिवलिंग दिखा। उसका व्यास लगभग चार फीट और ढाई से तीन फीट लंबा होगा। इसके बाद हमने अदालत से शिवलिंग के संरक्षण की मांग की। इस पर कोर्ट ने CRPF और प्रशासन को उसके संरक्षण का आदेश दिया। इसके साथ ही अदालत ने वजूखाने के स्थान को सील करने का आदेश दिया है।
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