काल सर्प योग के कारण संतान अवरोध, घर में रोज-रोज कलह, शारीरिक विकलांगता, मानसिक दुर्बलता, नौकरी में परेशानी आदि बनी रहती है.जाने अंजाने में इस दौरान अशुभ कामों के चलते इनके फल काफी कष्ट दायक हो जाते हैं. राहु के देवता काल हैं, इसलिएराहु की शांति के लिए कालसर्प शांति आवश्यक है. असल में जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में विचरण करते हैं, तब उस योग को काल सर्प योग कहा जाता है
1-हर रोज शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं. जल चढ़ाते समय ऊॅं नम : शिवाय मंत्री का जप करें. जप की संख्या कम से कम 108 होगी तो श्रेष्ठ रहेगा.
2-बाजार में किसी भी सोने-चांदी के व्यापारी से चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा खरीदें और उस जोड़े को नदी में बहा दें. साथ ही, इष्टदेव से कालसर्प दोष का अशुभ असर दूर करने की प्रार्थना करें.
3-हर शनिवार काले कुत्ते को रोटी खिलाएं. यदि काला कुत्ता न मिले तो किसी दूसरे कुत्ते को भी रोटी खिला सकते हैं.
4-किसी भी अशुभ तिथि पर सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि के बाद शिव मंदिर में शिवलिंग पर तांबे का नाग चढ़ाएं.