भारतीय समुद्री स्तर को लेकर हुए अध्ययन ने बढ़ाई चिंता
भारतीय समुद्री स्तर को लेकर हुए अध्ययन ने बढ़ाई चिंता
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नई दिल्ली : भारत के समुद्र स्तर को लेकर एक अध्ययन सामने आया है। जिससे तटीय क्षेत्रों का खतरा अधिक बढ़ गया है। देश में समुद्र के स्तर में वृद्धि पर किए एक अध्ययन से कई बड़े खतरों के बारे में पता चला है। इस अध्ययन में कहा गया है कि बाढ़ जैसी बड़ी आपदाओं के कारण लोगों का जीवन खतरे में आ जाएगा। जहां एक तरफ देश में सिंचाई आदि के लिए पानी की मांग बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर इसी साल जारी हुई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2050 तक मध्य और दक्षिण भारत भारी मात्रा में पानी का सामना करेगा। इसका मतलब ये है कि बारिश, बाढ़ और सुनामी जैसी आपदाओं के कारण देश में जल स्तर बढ़ेगा।

प्राप्त जानकारी अनुसार सरकार की ओर से कहा गया है कि पूर्वी तट पर गंगा, कृष्णा, गोदावरी, कावेरी और महानदी के डेल्टाओं को खतरा पैदा हो सकता है, साथ ही सिंचित भूमि और कई शहरी एवं अन्य बस्तियों को भी खतरा होगा जो वहां स्थित हैं। 

केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, तटीय भूजल में खारे पानी की मात्रा में अनुमानित वृद्धि हुई है। झीलों के लिए खतरा बढ़ा है और बहुमूल्य भूमि पर भी बाढ़ का खतरा बढ़ा है। हालांकि उन्होंने बाद में कहा कि सरकार देश के तटीय क्षेत्रों और समुदायों की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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